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Hunger Hotspots Report: संघर्ष और आर्थिक समस्याओं ने बढ़ाई खाद्य असुरक्षा

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFV) द्वारा जारी 'Hunger Hotspots' रिपोर्ट, वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के चौंकाने वाले नतीजे पेश करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि विश्व के 18 'हंगर हॉटस्पॉट' में तीव्र खाद्य असुरक्षा की मात्रा बढ़ेगी।

By Ground Report Desk
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hunger hotspots

Source: X(@payf_eng)

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संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFV) द्वारा जारी 'Hunger Hotspots' रिपोर्ट, वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के चौंकाने वाले नतीजे पेश करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि विश्व के 18 'हंगर हॉटस्पॉट' में तीव्र खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity) की मात्रा और गंभीरता बढ़ेगी। इस रिपोर्ट में पाया गया कि दुनिया के कई हॉटस्पॉट बढ़ते खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं, जिसमें संघर्ष, चरम मौसमी घटनाएं और आर्थिक समस्याएं शामिल हैं। ये मल्टीप्लायर इफ़ेक्ट एक साथ आकर परिवारों को गंभीर खाद्य असुरक्षा की स्थिति में धकेल रहे हैं। साथ ही, मानवीय फंडिंग में भी गिरावट आई है, जिससे संकटग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्यों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। 

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यह रिपोर्ट गाज़ा और सूडान में अकाल को रोकने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रिपोर्ट ने हैती, माली और दक्षिण सूडान में भी भीषण भुखमरी संकट और हालत के अधिक बिगड़ने का अंदेशा भी जताया है। साथ ही यह रिपोर्ट लंबे समय तक चलने वाले अल नीनो और उभरते ला नीना के खतरे की भी चेतावनी देती है, जो भविष्य में जलवायु आपदाओं का कारण बन सकते हैं।

हॉटस्पॉट जहां स्थिति बिगड़ने की है अधिक संभावना 

यह रिपोर्ट विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा संकटों के बिगड़ते हालात की भयावह तस्वीर पेश करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार गाज़ा स्ट्रिप (Gaza Strip) में, जारी संघर्ष के विनाशकारी प्रभावों के कारण आबादी के आधे से अधिक लोग, जुलाई के मध्य तक भुखमरी और मृत्यु का सामना करेंगे। एक ओर सूडान की स्थिति भी बेहद गंभीर है, जहां 18 मिलियन लोग गंभीर रूप से भुखमरी का सामना कर रहे हैं।  वहीं  दरफुर, कोर्डोफान जैसे कई क्षेत्रों में लाखों लोगों पर अकाल का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।

हैती और माली भी उन उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में उभरे हैं, जहां मौजूदा भुखमरी संकट आपातकालीन स्तर तक बिगड़ सकते हैं। हैती में, गैंग वॉर ने खाद्य आपूर्ति को बाधित किया है और 3.62 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित किया है, जिससे पहले से ही गंभीर कुपोषण के स्तर और भी बिगड़ सकते हैं। वहीं माली में, बढ़ते संघर्ष और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के समापन के कारण गंभीर भुखमरी की स्थिति बढ़ने की उम्मीद है।

दक्षिण सूडान की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, जहां अप्रैल और जुलाई 2024 के बीच भुखमरी और मृत्यु का सामना करने वालों की संख्या 2023 की समान अवधि की तुलना में लगभग दोगुनी हो जाने का अनुमान है। यह अनुमान कम खाद्य आपूर्ति, मुद्रा अवमूल्यन, संभावित बाढ़ और निरंतर स्थानीय संघर्षों के कारण है। सूडान से शरणार्थियों और वापस लौटने वालों की बढ़ती आबादी से भी नए लोग और मेजबान समुदायों दोनों के लिए संकट और गंभीर हो सकता है।

बरकरार जलवायु संबंधी खतरे 

पिछले एल नीनो की अवधि का अंत हो चुका है, लेकिन इसके प्रभाव गंभीर थे। इसके विनाशकारी परिणामों में दक्षिण अफ्रीका में विनाशकारी सूखा और पूर्वी अफ्रीका में व्यापक बाढ़ शामिल हैं। यह रिपोर्ट चेताती है कि अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक ला नीना की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है, जिससे वर्षा वितरण और तापमान को प्रभावित होगा। यह जलवायु परिवर्तन दक्षिण सूडान, सोमालिया, इथियोपिया, हैती, चाड, माली, नाइजीरिया और सूडान के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा पैदा कर सकता है। इसके अलावा, कैरिबियन क्षेत्र में एक बेहद सक्रिय अटलांटिक तूफान तैयार हो रहा है। अनिश्चित पूर्वानुमानों के कारण, इन जलवायु खतरों की निरंतर निगरानी जरूरी होगी, क्योंकि वे पहले से ही संवेदनशील हॉटस्पॉट क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा को और बढ़ा सकते हैं।

रिपोर्ट मुख्य निष्कर्ष

यह रिपोर्ट माली, फिलिस्तीन, दक्षिण सूडान और सूडान को सर्वोच्च चेतावनी स्तर के हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित करती है। रिपोर्ट इन स्थानों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। क्योंकि यहां के समुदायों को या तो भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है या भयानक खाद्य असुरक्षा का खतरा है। हैती को बढ़ती हिंसा और खाद्य सुरक्षा के खतरे के कारण इस सूची में शामिल किया गया है। वहीं संघर्ष इन सभी क्षेत्रों में भुखमरी का प्रमुख कारण बना हुआ है।

चाड, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, म्यांमार, सीरिया और यमन को वेरी हाई कंसर्न के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां बड़ी आबादी गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है, साथ ही आगे बढ़कर जानलेवा स्थितियों को और बिगाड़ने वाले कारक भी मौजूद हैं।  

पिछली रिपोर्ट के बाद, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, लेबनान, मोजाम्बिक, नाइजीरिया, सिएरा लियोन और जाम्बिया को भुखमरी के हॉटस्पॉट की सूची में बुर्किना फासो, इथियोपिया, मलावी, सोमालिया और जिम्बाब्वे के साथ शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इन क्षेत्रों में आगामी महीनों में गंभीर खाद्य असुरक्षा की स्थिति और बिगड़ सकती है। ये निष्कर्ष कई क्षेत्रों में संघर्षों, हिंसा और बिगड़ती हुई परिस्थितियों से उत्पन्न गंभीर और बढ़ती भुखमरी के संकटों को रेखांकित करते हैं।

क्या हो आगे की राह 

रिपोर्ट में प्रत्येक देश के लिए मौजूदा और उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सावधानीपूर्ण उपायों और तत्काल आपातकालीन प्रतिक्रिया की प्राथमिकताओं पर विशिष्ट सिफारिशें दी गई हैं। ताकि जानें बचाई जा सकें और पूर्वानुमानित खतरों को बड़े पैमाने पर मानवीय आपदा में बदलने से रोका जा सके।

रिपोर्ट माली, फिलिस्तीन (Palestine), दक्षिण सूडान, सूडान और हैती में आगे भुखमरी और मौत को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर तत्काल मानवीय सहायता जरूरत पर बात करती है। हालांकि, रिपोर्ट चेतावनी देती है कि अकाल को रोकने और प्रभावी ढंग से इससे निपटने के लिए आपातकालीन कृषि सहायता को भी खाद्य और नकद सहायता के साथ संतुलित तरीके से प्रदान करना आवश्यक है। इसके अलावा, एकीकृत समाधानों में अधिक निवेश की आवश्यकता है जो कई संगठनों द्वारा मिलकर की जाएं और खाद्य असुरक्षा से प्रभावी ढंग से निपटने और आपातकालीन खाद्य सहायता पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकें।

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