बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भारत ने अपने रामसर स्थलों की टैली बढ़ा ली है। दरअसल बिहार के जमुई जिले के झाझा फॉरेस्ट रेंज में नागी और नकटी पक्षी अभ्यारण्य को रामसर सम्मलेन के तहत शामिल कर लिया गया है। अब भारत में कुल रामसर साइट्स (Ramsar Sites) की संख्या बढ़कर 82 हो गई हैं।
इन दो नए पक्षी अभ्यारण्यों को रामसर स्थल का दर्जा मिलने के बाद अब भारत चीन के साथ तीसरे स्थान पर आ गया है। वैश्विक स्तर पे सबसे अधिक 175 रामसर स्थल यूनाइटेड किंगडम के हैं। वहीं दूसरे स्थान 144 रामसर साइट्स के साथ मैक्सिको है।
भारत के नजरिये से ये बढ़त उल्लेखनीय है। 10 वर्ष पहले भारत में मात्र 26 रामसर स्थल थे, जो इस दरमियान बढ़ कर 82 हो गए हैं। वहीं इन 82 में से 40 स्थलों ने पिछले 3 साल के दौरान रामसर स्थल का दर्जा पाया है।
नागी बांध और नकटी बांध दो अभयारण्य हैं जो एक-दूसरे के इतने करीब हैं कि उन्हें एक पक्षी क्षेत्र के रूप में लिया जा सकता है। नागी-नकटी पक्षी अभयारण्य विभिन्न प्रकार की स्वदेशी प्रजातियों और प्रवासी पक्षियों का घर रहा है जो सर्दियों के दौरान यूरेशिया, मध्य एशिया, आर्कटिक सर्कल, रूस और उत्तरी चीन जैसे स्थानों से आते हैं।
नागी और नटकी अभयारण्यों में पक्षियों की 136 से अधिक प्रजातियाँ देखी गई हैं। इनमें बार-हेडेड गूज (Bar-headed Goose) एक महत्वपूर्ण पक्षी है। वेटलैंड्स इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1,600 बार-हेडेड गीज़ इन अभ्यारण्यों में विचरण करते हैं। यहां पाए जाने वाले बार-हेडेड गूज इस प्रजाति की वैश्विक आबादी का लगभग 3% है। इस दुर्लभ घटना के कारण, बर्डलाइफ़ इंटरनेशनल, एक वैश्विक संस्था ने नागी बांध पक्षी अभयारण्य को पक्षियों की आबादी के संरक्षण के लिए विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण माना है और इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया है।
वर्तमान में बिहार में कुल 13 पक्षी अभ्यारण्य हैं, जिसमे कांवर लेक जैसी एशिया की सबसे बड़ी गोखुर झील भी शामिल है। इनमें से बेगूसराय की कांवर झील को 2020 में ही रामसर स्थल का दर्जा मिला था। अब नागी और नटकी के शामिल होने के बाद बिहार में कुल रामसर स्थल 3 हो गए हैं।
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