/ground-report/media/media_files/2025/01/28/VpoX7msSxdtl3ioF32vd.png)
Source: Namdafa National park & Tiger reserve
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व में 13 जनवरी को एक वयस्क नर हाथी कैमरा ट्रैप में कैद हुआ। इस दुर्लभ दृश्य को देखे हुए पूरे 12 साल बीत चुके थे। यह खोज पार्क प्रशासन के जंगली हाथियों के संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा प्रदान करने वाली साबित हुई है।
मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर वी.के. जवाल के नेतृत्व में एक टीम ने यह दुर्लभ तस्वीर खींचने में सफलता पाई। मानसून के दौरान हाथी अक्सर पार्क से होकर गुजरते हैं, लेकिन मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वन अधिकारियों को कैमरा ट्रैप लगाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पहले हाथियों का गलियारा नामसाई से म्यांमार तक फैला था, जो नमदाफा टाइगर रिजर्व से होकर गुजरता था। इस मार्ग में बोगा पहाड़, बुलबुलिया, फर्मबेस और एम्बेयोंग जैसे क्षेत्र शामिल थे। लेकिन 1996 में एम्बेयोंग क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण, विशेष रूप से 38वें और 52वें मील के पास, प्रवास मार्ग बाधित हो गया।
इस बाधा के कारण हाथी अब ज्यादातर नमदाफा के उत्तरी भागों में ही सीमित हो गए हैं। कभी-कभी वे उत्तर-पश्चिम में कठान और मियाओ सर्कल के खचांग और सोंगकिंग गांवों में प्रवेश कर जाते हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है और स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान भी होता है।
पार्क प्राधिकरण ने पारंपरिक हाथी गलियारों को फिर से खोलने में स्थानीय समुदायों का सहयोग मांगा है। इससे न केवल हाथियों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित होगा, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष भी कम होगा। साथ ही क्षेत्र की अन्य प्रजातियों का भविष्य भी सुरक्षित होगा।
भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट का आर्थिक सहयोग करें।
यह भी पढ़ें
पातालकोट: भारिया जनजाति के पारंपरिक घरों की जगह ले रहे हैं जनमन आवास
‘अस्थमा है दादी को…’: दिल्ली में वायु प्रदूषण से मजदूर वर्ग सबसे ज़्यादा पीड़ित
झाबुआ पॉवर प्लांट, जिसके चलते किसान को मज़दूर बनना पड़ गया
कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्र 'हरित समाधान' या गाढ़ी कमाई का ज़रिया?
पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी ।