कानपुर, नेहाल रिज़वी।। यूपी में गिरती शिक्षा की हालत को देखना है तो आप ये स्कूल की हालत को देखें। उत्तर-प्रदेश के कानपुर शहर के तलाक महल छेत्र 97/7 में स्थित बेसिक कन्या पाठशाला की खस्ताहाल हालात देख कर कोई भी इंसान इसके आस-पास से गुज़रना भी नहीं चाहेगा।
हमारे देश का भविष्य हमारे बच्चे इसी मौत के स्कूल में पढ़ने जाते हैं। हमने जब वहां के शिक्षकों से स्कूल की खस्ताहाल हालत पर बात करने की कोशिश की तो वे लोगों ने बात करने से साफ़ इनकार कर दिया और अंदर के गिरते हुए हिस्से का वीडियो भी नहीं बनाने दिया। बाहर से गिरते हुए इस स्कूल की हालत को देख कर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं। यहाँ पढ़ाने वाले शिक्षकों को लगता है कि अगर उन लोगों ने सरकार या स्कूल की हालात पर कुछ भी बोला तो उनकी नौकरी चली जायेगी।

खुद बीमार है उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था
कानपुर शहर के तलाक महल एरिया में स्थित इस स्कूल में लगभग 50 बच्चों की क्लास लगती है। रोज़ाना सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक पढ़ाई चालू रहती है। बाहर के हिस्से का वीडियो शूट करते वक़्त अंदर से दरवाज़ा बंद कर दिया गया ताकि अंदर की खस्ताहाल हालात कोई देख न सके। आधे से ज़यादा गिर चुका यह स्कूल किसी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है। वक्त रहते अगर प्रशासन ने स्कूल की हालात को सुधारने को लेकर कोई क़दम नहीं उठाया तो कल को यह स्कूल मासूम बच्चों की कब्रगाह भी बन सकता है।

रोज़ी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं देश की मिट्टी के लाल
योगी सरकार ने प्रदेश में शिक्षा की हालात सुधारने के बजाए नामकरण में लगी हुई है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने धर्म की ऐसी सियासत को यूपी में शुरू कर दिया है, जिसने प्रदेश के विकास का गला दबा दिया है। शहरों और स्टेशनों के नाम को बदलने की प्रक्रिया में लाखों करोड़ों रुपये की बर्बादी करना। सड़कों, चौराहों और मोहल्लों के नाम को बदल कर क्या यूपी में विकास हो पाएगा?
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