एनआरसी और सीएए के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए और अब भी जारी हैं। सीएबी के दोनों सदनों में पास होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद जब इसे क़ानून की शक्ल मिली तो देशभर में इसके विरोध में प्रदर्शनों की आग तेज़ी से फ़ैलना शुरू हो गयी। पूर्वोत्तर के राज्यों में इस क़ानून को लेकर काफ़ी हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। हिंसा में लोगों के मारे जाने की ख़बरें आने लगीं।