Solar for Tribals: भारत सरकार जल्द ही देश के 18 राज्यों में कुल 1 लाख घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करेगी. सरकार की इस योजना के तहत भारत के जनजाति समाज के ऐसे घर प्रकाशित होंगे जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के अंतर्गत आते हैं. हाल ही में इस योजना को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा साल 2023 से 2026 के बीच इन जनजातीय समुदाय के गाँव या बसाहट में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM JANMAN) के तहत इस कार्य को शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस योजना के लिए सरकार 515 करोड़ रूपए खर्च करेगी.
Solar for Tribals: क्या है पूरी योजना
केंद्र सरकार की ओर से डेवलपमेंट एक्शन प्लान फॉर शेड्यूल ट्राइब्स (DAPST) के तहत कुल 11 प्रयास (Intervention) किए जाने हैं. केंद्र इसके लिए अपनी ओर से 15 हज़ार 336 करोड़ रूपए खर्च करेगी. इसके अलावा 8 हज़ार 768 रूपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी. इन्हीं 11 प्रयासों में से एक यह योजना है जिसमें 1 लाख घरों में 0.3 किलो वाट के सोलर ऑफ़ग्रिड सिस्टम लगाए जाएँगे.
इस योजना के तहत हर घर पर सरकार इस सिस्टम (Solar for Tribals) को लगवाने में 50 हज़ार रूपए खर्च करेगी. इस तरह कुल 500 करोड़ रूपए सरकार केवल घरों के लिए खर्च करेगी. इसके अलावा 15 सौ मल्टीपर्पज़ सेंटर में इसी सिस्टम को लगाने के लिए सरकार कुल 15 करोड़ रूपए खर्चेगी.
योजना के तहत क्या-क्या होगा?
इस योजना में उन स्थानों/बसाहटों में सोलर सिस्टम लगाया जाएगा जहाँ ग्रिड कनेक्टेड इलेक्ट्रिफिकेशन आर्थिक या तकनीकी रूप से संभव नही है. इस योजना के तहत लाभार्थियों के घरों में एलईडी बल्ब और पंखे भी लगाए जाएंगे. घरों में सोलर होम लाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी देखरेख के लिए रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा. हालाँकि योजना को लागू करने से पहले लाभार्थियों की पहचान के लिए राज्य सरकारें सर्वे भी करवाएंगी. यह सर्वे उन घरों को चिन्हित करेगा जहाँ इस योजना की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.
ग्रामीण इलाकों में बिजली के हाल
भारत में कुल जनसँख्या का 67 प्रतिशत भाग ग्रामीण इलाके में निवास करता है. मगर इनमें से 300 मिलियन लोगों की ग्रिड कनेक्टेड पॉवर सिस्टम तक पहुँच नहीं है. जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि इनमें से ज़्यादातर घरों को (Solar for Tribals) सौर ऊर्जा से रौशन किया जाए. साल 2019 में भी ‘पॉवर फ़ॉर ऑल’ के तहत सरकार ने 4 हज़ार 745 गावों को सौर ऊर्जा से प्रकाशित करने के लिए प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए थे. हालाँकि इनमें से कितने घरों में यह योजना पहुँची और कितने घरों में आज भी सोलर पावर से बिजली पंखें चल रहे हैं इसका आँकड़ा पब्लिक डोमेन में मौजूद नहीं है.
इसके पहले साल 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस में दिए गए भाषण में कहा गया था कि 1 अप्रैल 2015 तक देश भर में 18 हज़ार 452 गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली नहीं पहुंची है. सरकार के अनुसार इनमें से 18 हज़ार 374 गाँवों में 28 अप्रैल 2018 तक बिजली पहुंचा दी गई थी. ऐसे में सरकारी आँकड़ों और दावों के बीच देश के ग्रामीण इलाकों तक बिजली पहुँचाना अब भी बेहद ज़रूरी कदम है.
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