दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने देश की राजधानी दिल्ली के मेहरोली इलाक़े में 6 महीने पहले श्रद्धा नाम की लड़की के ख़ौफनाक क़त्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने आफ़ताब (Aftab Amin Poonawala) नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है जो श्रद्धा (Shraddha) के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था। जिसने वहशीपन की सारी हदें पार करते हुए अपनी पाटर्नर की हत्या कर उसके शरीर के 35 टुकड़े किए। फिर उनको एक-एक करके जंगल में फेंक डाला। आइये आपको बताते हैं इस हिला देने वाली वारदात की पूरी कहानी।
कौन हैं आफ़ताब और श्रद्धा ?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़, श्रद्धा महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली थी और मुंबई के एक कॉल सेंटर में जॉब करती थी। अभियुक्त आफ़ताब (Aftab Amin Poonawala) और श्रद्धा (Shraddha) मुंबई में काम के दौरान क़रीब आए थे। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के नज़दीक आते चले गए। लड़की के परिवार को दोनों के रिश्ते के बारे में पता चल गया। लड़की का परिवार इस बात से ख़ासा नाराज़ हुआ और श्रद्धा (Shraddha) को आफ़ताब से दूर रहने को कहा। लेकिन लड़की ने परिवार वालों की बात न मानते हुए आफ़ताब के दिल्ली आ गई। NDTV ने पुलिस सूत्रों के हवाले से ख़बर की है कि आफताब श्रद्धा से एK डेटिंग ऐप के ज़रिए मिला था।
आजतक की ख़बर के मुताबिक़, साल 2018 में पालघर से मुंबई आने के बाद श्रद्धा को मलाड में एक मल्टीनेशनल कंपनी के कॉल सेंटर में नौकरी मिल जाती है। इसी कॉल सेंटर में 30 साल का आफताब अमीन पूनावाला भी जॉब करता था। दोनों की पहली मुलाक़ात यही होती है।साल 2019 की शुरुआत में श्रद्धा और आफताब फैसला करते हैं कि अब वो अलग-अलग रहने की बजाए एक साथ लिव इन में रहेंगे। फिर दोनों मुंबई के मलाड में किराए का एक घर ले लेते हैं। परिवार को श्रद्धा आफताब के बारे में सब बता देती है। साथ ही उसके साथ शादी की ज़िद पर करती है। परिवार इस बात का विरोध करता है।
परिवार के विरोध के चलते दिल्ली आए दोनों
परिवार के लगातार विरोध के चलते श्रद्धा घर से अपना सारा सामान उठाती है और ये कहकर चली जाती है कि अब ये समझ लेना कि आज से आपकी कोई बेटी ही नहीं है। फिर परिवार कुछ वक़्त तक के लिय श्रद्धा से दूरी बना लेता है। लेकिन 23 जनवरी 2020 को श्रद्धा की मां सुमन की मौत हो जाती है। श्रद्धा अपनी मां की मौत के बाद वापस घर आती है लेकिन फिर सारी रस्में निभाकर वापस मुंबई आफताब के पास चली जाती है। लड़के का परिवार भी इस रिश्ते का विरोध कर रहा था। फिर दोनों ने इस विरोध से बचने के लिय मुंबई छोड़ने का फैसला किया और दिल्ली आ गए। कुछ दिन होटल में रुकने बाद दोनों ने दिल्ली के D-93/1 छतरपुर में घर लेकर रहना शुरू कर दिया।
श्रद्धा की मां की मौत के बाद पिता विकास मदन वॉल्कर दोस्तों के ज़रिए बेटी श्रद्धा की जानकारी लेते रहते थे। लेकिन फिर काफी लंबे समय तक पिता को बेटी की कोई जानकारी नहीं मिली। बीते 14 सितंबर को श्रद्धा के भाई श्रीजय को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण नाडर ने फोन कर बताया कि पिछले दो महीने से श्रद्धा का मोबाइल बंद है। कोई जानकारी नहीं मिल रही। पिछले दो महीने से उसका फोन बंद है। अब कोई बात नहीं हो रही श्रद्धा से। श्रद्धा के पिता ने ये सुनकर श्रद्धा के बाकी दोस्तों को फोन लगाकर पूछा तो सभी ने यही कहा कि पिछले दो ढाई महीने से श्रद्धा से उनकी कोई बात नहीं हुई है। जिसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के पालघर के मणिकपुर थाने में श्रद्धा की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी। जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी।
पिता ने पुलिस में दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट
महरौली पुलिस ने श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर की शिकायत पर श्रद्धा की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी। पिता ने ही पुलिस को पुलिस को श्रद्धा और आफताब के रिश्ते और दोनों के दिल्ली के छतरपुर में लिव इन में रहने की बात भी बताई। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस को आफ़ताब की फोन की पड़ताल के बाद शक गहरा गया। शुरुआत में आफताब पुलिस को झूठी कहानी सुनाता है कि श्रद्धा और उसका 19 मई को झगड़ा हुआ था। जिसके बाद श्रद्धा उसे छोड़कर चली गई। कहां गई मुझे कुछ नहीं पता। पुलिस को आफ़ताब के बयान पर शक था। पुलिस ने फिर सच पूछा तो आफ़ताब ने जो कहानी बताई उसे सुनकर पुलिसवालों की दिल दहल गया।
पुलिस को आफ़ताब द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 18 मई की रात आफताब और श्रद्धा का शादी करने को लेकर झगड़ा हुआ। दोनों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि गुस्से में आफताब ने श्रद्धा का गला तब तक दबाए रखा जब तक वो मर नहीं गई। इसके बाद आफ़ताब लाश को ठिकाने लगाने की सोचने लगता है। अगले दिन वो मार्केट से बड़ा वाला फ्रिज खरीदकर लाता है। साथ में एक बड़ी आरी भी। फिर बाथरूम में बैठकर लाश के छोटे-छोटे टुकड़े कर देता है। बदबू न आए इस लिय वो बीच-बीच में पूरे घर में परफ्यूम डालता रहा। श्रद्धा की लाश के 35 टुकड़े कर वो फ्रिज में रख देता है। फिर रोज़ उन टुकड़ों को पैदल ही महरौली के जंगल में जाकर फेंक देता।
आफ़ताब ने दिल्ली पुलिस को यह कहानी सुनाई। पुलिस आफ़ताब को लेकर उन जंगलों में जा रही है जा उसनें शरीर के टुकड़े फेंके थे। पुलिस को कुछ टुकडे तो मिल गए हैं। लेकिन लगभग छह महीने के वक्त बीत चुका है। टुकड़ों का मिलना अब आसान नहीं है। पुलिस लगातार जंगलों में छानबीन कर रही है। फ्रिज की फॉरिसिंक जांच चल रही है जिसके बाद काफी कुछ सामने आएगा। फिलहाल, आफताब दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। पुलिस की पूछताछ में आफताब ने बताया कि उसके लाश को टुकड़ों में काटने का आइडिया उसे एक अमेरिकी क्राइम टीवी सीरिज "डेक्सटर" से मिला था।
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