ग्राउंड रिपोर्ट न्यूज़ डेस्क।। नई दिल्ली
लोकसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही अटकलों और संभावनाओं का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हाथों पटखनी खाने के बाद भाजपा के लिए 2019 में 2014 वाला करिश्मा दोहराना मुश्किल साबित होने वाला है। ऐसे में भाजपा मध्य प्रदेश की हर सीट पर सोच समझकर उम्मीदवार तय करने वाली है। विदिशा की लोकसभा सीट 2014 में सुषमा स्वराज ने मामूली अंतर के साथ जीती थी, ऐसे में इस बार इस सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए किसी कद्दावर उम्मीदवार को मैदान में उतारना होगा। आपको बता दें कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से इस बार सुषमा स्वराज लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवराज सिंह चौहान को विदिशा सीट से मैदान में उतारा जाएगा।
इसका अंतिम फैसला अमित शाह करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि केंद्र में जाने के सवाल पर कहा था कि वह मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाने वाले। लेकिन माना जा रहा है कि अगर शीर्ष नेतृत्व का आदेश आया तो शिवराज उसे नकार नहीं पाएंगे।
संगठन में शिवराज की ताकत अब कम हो चुकी है। इस बात का अंदाज़ा हाल ही में हुए नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के समय दिखा। शिवराज अपने करीबी को इस पद पर बैठाना चाहते थे, लेकिन गोपाल भार्गव को यह जिम्मा सौंपा गया। विदिशा सीट अगर भाजपा को दोबारा जीतनी है, तो शिवराज जैसा चेहरा ही ज़रूरी होगा। इतना तय है 2019 की बिसात पर हर पार्टी चौकाने वाली चाल चलने वाली है।