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सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर में क्यों लगता है हर वर्ष मेला?

Sehore Ganesh Mandir Stoy: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्थित है चिंतामन गणेश का मंदिर। इसके पीछे एक बेहद ही दिलचस्प दंतकथा है।

By Pallav Jain
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मध्यप्रदेश के सीहोर (Sehore) जिले में स्थित है चिंतामन गणेश (Chintaman Ganesh) का मंदिर। भारत में गुजरात के सिद्धपुर, राजस्थान के सवाई माधोपुर और मध्यप्रदेश के उज्जैन और सीहोर में ही चिंतामन गणेश का मंदिर है। इसके पीछे एक बेहद ही दिलचस्प दंतकथा है।

गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पृथ्वी वल्लभ दूबे ने ग्राउंड रिपोर्ट को बताया कि 2000 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य जो चिंतामन गणेश के भक्त थे रणथंबोर के मंदिर में भक्ति करके लौट रहे थे, तब रास्ते में उन्हें गणेश जी ने स्वप्न दिया कि वो कमल के रुप में सीहोर स्थित सीवन नदी में अवतरित होंगे। उस कमल के फूल को वो लेकर अपने साथ आ जाएं। जब राजा कमल का फूल लेकर लौट रहे थे तो रास्ते में रात हो जाती है और कमल का फूल मूर्ति में परिवर्तित हो जाता है। यह मूर्ति ज़मीन में धंस जाती है। बहुत प्रयत्न के बाद भी जब मूर्ति बाहर नहीं आती तो उसे वहीं विराजमान कर दिया जाता है। इसी जगह पर आज सीहोर में चिंतमन गणेश का मंदिर स्थित है।

गणेश मंदिर में हर वर्ष मेले के आयोजन के पीछे भी है कहानी

हर वर्ष यहां गणेश चतुर्थी के अवसर पर मेले के आयोजन किया जाता है जिसके पीछे भी एक कथा है। दरअसल 150 साल पहले गणेश जी की हीरे की आंखे चोरी हो गई थी। जिसके बाद 21 दिनों तक उनकी आंखों से दूध की धार बहती रही। गणेश जी ने मुख्य पुजारी को स्वप्न दिया और फिर चांदी की आंखे मूर्ती में लगाई गई, इसके लिए यज्ञ एवं अनुष्ठान करवाया गया। तभी से गणेश चतुर्थी के अवसर पर सीहोर के गणेश मंदिर में मेले का आयोजन करवाया जाता है।

इस मेले में झूले, दुकानें, खाने पीने की चीज़ों के स्टॉल लगते हैं। सीहोर के साथ-साथ आसपास के भक्त गणेश मंदिर का मेला देखने ज़रुर आते हैं। इस अवसर पर दिन में 5 बार गणेश जी की आरती होती है, जो भक्तों को काफी भावविभोर कर देती है।

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Tags: Ganesh chaturthi chintaman ganesh Ganesh Mandir Sehore