तूफान ‘निवार’ जिसके बुधवार यानी 25 नवंबर को आने की आशंका है, उसको मद्देनज़र रखते हुए लगभग 1,200 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के बचाव कर्मियों को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुदुचेरी में तैनात कर दिया गया है और 800 अन्य कर्मचारियों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है ।
एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने कहा हैं कि वह चक्रवाती तूफान के “उच्च स्तर और सबसे खराब रूप” का सामना करने के लिए तैयार हैं, फ़िलहाल यह बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी तट की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन(press confernece) में कहा, “हम चक्रवर्ती तूफान पर कड़ी नजर रख हुए हैं और प्रभावित राज्यों के साथ समन्वय कर रहे हैं।”
“यह एक तेजी से विकासशील स्थिति में है और इसका एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान का आकार लेने के भी पूरे आसार है जिसकी की गति लगभग 120-130 किमी प्रति घंटा हो सकती है।” प्रधान ने कहा कि एनडीआरएफ की कुल 50 टीमों को चक्रवात से निकलने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए लगाया गया है, जिसके बुधवार देर शाम तक आने की उम्मीद है।
एनडीआरएफ की टीम में आमतौर पर लगभग 40 बचाव कर्मी होते हैं।
कुल 22 टीमों को पूर्व में तैनात किया गया है, जबकि आठ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में स्टैंडबाय पर है ।
प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा की, इन 30 टीमों में से 12 तमिलनाडु में, सात आंध्र प्रदेश में और तीन पुडुचेरी में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि कटक (ओडिशा), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) और त्रिशूर (केरल) जैसे स्थानों से एयरलिफ्ट करने के लिए अतिरिक्त 20 टीमें होंगी।
एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि टीमें सभी संचार उपकरणों, पोल और ट्री-कटर से लैस हैं और कर्मियों को कोविड -19 स्थिति को देखते हुए व्यक्तिगत कोरोना सुरक्षा किट प्रदान की गई हैं।
उन्होंने कहा, “हमारी टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तब तक तैनात रहेंगी जब तक वे आवश्यक हैं और वे सुनिश्चित करेंगे कि भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव जैसी परिस्थितियां जो चक्रवाती तूफान का अनुसरण करती हैं, उनसे प्रभावी ढंग से निपटा जाए।”
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