Ground Report News Desk | New Delhi
महिला वेटरनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी (Priyanka Reddy) के साथ जघन्य अपराध करने वाले चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। शनिवार तड़के आई इस ख़बर को कई लोग सही ठहरा रहे हैं तो कई ग़लत। इस घटना ने साल 2012 में हुए ‘निर्भया केस’ के घाव ताज़ा कर दिए थे। बर्बरपूर्ण इस वारदात के बाद देश में कानून व्यवस्था के साथ महिला सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने इस एनकाउंटर को सही ठहराया है तो वहीं बीजेपी की ही सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, जो भी हुआ देश के लिए बहुत भयानक हुआ। जबकि DCP शमसाबाद प्रकाश रेड्डी ने बताया कि, पुलिस ने आत्मरक्षा में आरोपियों पर फायरिंग की जिसमें आरोपियों की मौत हो गई।
इस जघन्य अपराध में कब क्या हुआ और किसने क्या कहा, पढें इस रिपोर्ट में…
1) 27 नवंबर की रात प्लानिंग के तहत दिया वारदात को अंजाम
बीती 27 नवंबर की रात 25 साल की महिला डॉक्टर के साथ आरोपियों ने हैवानियत कर उसे जिंदा जलाया दिया था। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने यह सब एक प्लान के तहत किया था। आरोपियों ने पहले महिला डॉक्टर की स्कूटी पंचर की बाद में मदद का दिलासा देकर इस वारदात को अंजाम दिया।
2) मामला सुर्खियों में आते ही देश भर में मचा कोहराम
इस घटना की खबर सुर्खियों में जैसे ही आई पूरे देश में सनसनी फैल गई। सोशल मीडिया पर प्रियंका रेड्डी को न्याय की मांग करते हैश टैग ट्रेंड होते रहें। वहीं सड़कों से संसद तक कोहराम मच गया।
3) पुलिस अमले पर पथराव, आरोपियों की लिंचिंग की कोशिश
यह पहला मौका है जब भीड़ इतनी ज़्यादा आक्रोशित हो गई कि जब आरोपियों को करीब 400 से भी अधिक सुरक्षाबलों की जरूरत पड़ी हो। इस दौरान जब आरोपियों को सुनवाई के लिए ले जाया जा रहा था गुस्साई भीड़ ने पुलिस अमले पर पथराव कर आरोपियों की लिंचिंग करने की कोशिश की।
4) सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग हो : जया बच्चन
इससे पहले समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने सदन में दिए गए अपने एक बयान में कहा कि, ‘चाहे निर्भया हो या कठुआ, सरकार को उचित जवाब देना चाहिए। जिन लोगों ने ऐसा किया, उनकी सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग करनी चाहिए।’
5) आरोपियों को भी उसी तरह जलाया जाए : पीड़िता की मां
पीड़िता की मां ने मांग करते हुए कहा था कि बेटी के हत्यारों को भी उसी तरह जलाकर मार दिया जाए जैसे बेटी को जलाया गया था। देश में लचर कानून व्यवस्था और महिला असुरक्षा के चलते हर कोई आरोपियों को जल्द से जल्द और अपने तरीके से सज़ा देने की मांग कर रहा है। जया बच्चन और पीड़िता की मां का बयान ऐसे ही कई सवाल खड़े करता है।
6) भागने की जुगत में थे आरोपी
वहीं यह एनकाउंटर तब हुआ जब पुलिस आरोपियों को एनएच-44 पर क्राइम सीन रिक्रिएट कराने के लिए लेकर गई थी। इस मामले में पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों ने मौके से भागने की कोशिश की थी।
7) सीन री-कन्स्ट्रक्शन के दौरान आरोपियों ने छीने पुलिस से हथियार
DCP शमसाबाद प्रकाश रेड्डी के मुताबिक साइबराबाद पुलिस आरोपियों को क्राइम स्पॉट पर सीन री-कन्स्ट्रक्शन के लिए ले गई थी। जहां आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीन लिए और उन पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में आरोपियों पर फायरिंग की जिसमें आरोपियों की मौत हो गई।
8) एनकाउंटर ठीक लेकिन देश को कठोर कानून की जरूरत : स्वाति मालीवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है कि, एनकाउंटर ठीक है लेकिन आज की न्यायिक प्रक्रिया लड़कियों की कमर तोड़ देती हैं। इसके लिए कड़े से कड़े कानून होने चाहिए, जल्द से जल्द फांसी मिलनी चाहिए। हम सबको कठोर सिस्टम बनाना होगा। उनका कहना है कि निर्भया के दोषी अभी भी सरकारी मेहमान हैं। दोषियों को 6 महीने में सजा मिलनी चाहिए।
9) दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए : प्रज्ञा ठाकुर
अक्सर अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरने वालीं भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, ‘शठे शाठ्यम समाचरेत्।।, यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्।‘ यानी ‘भले ही लोगों को लगे कि ऐसा करना गलत है, दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए।’
10) जो भी हुआ देश के लिए बहुत भयानक हुआ : मेनका गांधी
बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, जो भी हुआ है, देश के लिए बहुत भयानक हुआ है। आप किसी को केवल इस वजह से नहीं मार सकते क्योंकि आप मारना चाहते हैं। आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते। उन्हें (आरोपियों को) कोर्ट द्वारा फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था।