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नहीं रहे नेता जी ..!  मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर एक नज़र

मुलायम सिंह यादव का गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह 8 से 8:30 बजे के बीच सोमवार 10 अक्टूबर को 82 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया।

By Nehal Rizvi
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मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह 8 से 8:30 बजे के बीच सोमवार 10 अक्टूबर को 82 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया। मुलायम सिहं यादव पिछले काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे। सक्रिय राजनीति से भी काफी लंबे समय से दूरी बना चुके थे। स्वास्थय ख़राब होने के चलते मुलायम सिंह यादव को बीते 22 अगस्त को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के लिय भर्ती कराया गया था। उन्हें चेस्ट इंफेक्शन, यूरिन इंफेक्शन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी।

लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे मुलायम सिंह

समाजवादी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव पिछले दो साल से गंभीर बीमारियों से लड़ रहे थे। इलाज के लिय समय-समय पर अस्पताल में भर्ती होते रहते थे। पिछले वर्ष कोरोना की चपेट में भी आए थे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम के निधन की जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर सैफई ले जाया जा रहा है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताते हुए यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है।

एक नज़र मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर

साल 1989 में पहली बार मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री भी बने थे। लेकिन जनता दल टूट जाने कारण 1991 में सरकार गिर गई। 1993 के विधानसभा चुनाव जीतकर फिर सरकार बनाई। लेकिन एक बार फिर मायावती के साथ विवाद के बाद सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी थी। साल 2003 में तीसरी बार सरकार बनी तो इस बार सरकार ने पूरा कार्यकाल पूरा किया।

मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफ़र का सबसे मुश्किल समय 90 दशक रहा। यह वो समय था जब यूपी में राम मंदिर आंदोलन के चलते पूरे प्रदेश का माहोल सांप्रदायिक बना हुआ था। 1990 में आयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाना उनके राजनीतिक सफ़र का सबसे बुरा दौर रहा। इसका असर उनके राजनीतिक जीवन पर काफी पड़े पैमाने पर पड़ा।

अखाड़े के पहलवान से राजनीति के बड़े खिलाड़ी तक

राजनीति के धुरंधर बनने से पहले मुलायम सिंह यादव अखाड़े के मैदान के खिलाड़ी रहे। 22 नंवबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई में पैदा हुए मुलायम अपने पिता सुघर सिंह की तरह ही पहलवान बनना चाहते थे। लेकिन असल कामयाबी उन्होंने राजनीति के मैदान में हासिल की।

मुलायम सिंह यादव ने केके कॉलेज, इटावा, एके कॉलेज, शिकोहाबाद, और बीआर कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय जैसे अलग-अलग कॉलेजों से BA, BT और MA की डिग्री हासिल की। छात्र राजनीति में सक्रिय हुए। यही से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

PM मोदी से लेकर देशभर के नेताओं ने जताया दुख

मुलायम सिंह यादव के देहांत पर प्रधानमंत्री से लेकर देशभर के तमाम नेताओं ने दुख जताया है। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में मुलायम सिंह के देहांत पर तीन दिन का शोक घोषित किया है।

पीएम मोदी ने मुलायम सिंह के निधन पर शोक जताते हुए उनके साथ हुई मुलाकातों को याद किया। पीएम ने लिखा कि मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता। पीएम ने कहा कि नेता जी ने एक मजबूत भारत के लिए काम किया, और यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई।

कब किन-किन पदों पर रहे मुलायम सिंह यादव

  • साल 1977 में पहली बार मंत्री बने
  • 1982-1985: विधान परिषद के सदस्य रहे और परिषद में विपक्ष के नेता बने
  • 1985-87: जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष बने
  • 1989-1991: पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
  • 1992: समाजवादी पार्टी का गठन किया
  • 1993-95: दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
  • 1996: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, रक्षा मंत्री बने
  • 1998: संभल से फिर से लोकसभा सदस्य बने
  • 1999: संभल से फिर से सांसद चुने गए
  • 2003: तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. पत्नी मालती देवी का निधन. साधना गुप्ता से विवाह किया.
  • 2004: मैनपुरी से सांसद चुने गए
  • 2007: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता बने
  • 2009, 2014 और 2019 में सांसद बने

मुलायम सिंह यादव के देहांत पर किसने क्या कहा..

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