प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंगलवार यानी की 24 नवंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, जहां उन्होंने सभी को कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराने पर काम शुरू करने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा की महामारी के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली वैक्सीन जो की भारत अपने नागरिकों के लिए प्राप्त करेगा, वह “सभी वैज्ञानिक मानकों” पर सुरिक्षत व सफल होगी ।राज्यों के साथ सामूहिक समन्वय में टीका वितरण करने की रणनीति को तैयार किया जाएगा । पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि राज्यों को भी कोल्ड स्टोरेज की सुविधा शुरू करनी चाहिए।
पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक काफी अहम मानी जा रही है क्योकिं इस वक़्त तक भारत में कोरोना के कुल 9.17 मिलियन केस आ चुके है । हालांकि देश में रिकवरी की अच्छी दर दर्ज की जा रही है, फिर भी पूरे भारत में कोविड -19 मामलों में उछाल जारी है।
“रिकवरी की अच्छी दरों को देखते हुए, कई लोग सोचते हैं कि वायरस कमजोर है और वह जल्द ही ठीक भी हो जाएंगे, इस वजह से लापरवाही भी बढ़ रही है … लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि लोग सतर्क रहें और संचरण पर अंकुश लगा बना रहे । प्रधान मंत्री ने ये भी कहा की हम रिकवरी दर को 5% से कम पर लाना चाहते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जो की इस बैठक में शामिल थे, उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोनोवायरस रोग के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और निर्देश/अनुरोद्ध किया की कोविड -19 की मृत्यु दर 1% से कम हो और नए मामले 5% से अधिक न हों।
शाह ने मुख्यमंत्रियों को सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया, की, कन्टेनमेंट जोन को और “डायनामिक” बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हर हफ्ते रेड जोन वाले क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर किसी विशेष क्षेत्र की स्थिति की विशेष रणनीति बनानी चाहिए। वर्तमान में, नियंत्रण क्षेत्रों से डेटा को पखवाड़े यानी की 14 दिन के रूप से एकत्र किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वह लक्ष्यों को जल्द से जल्द हासिल करने के लिए अपनी क्षमता से सब कुछ करें।
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