बीते दिनों मओवादिओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने की खबर सामने आते ही देश में सनसनी का माहौल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पुलिस को मिले ईमेल में राजीव गांधी हत्याकांड जैसे किसी रोड शो के दौरान पीएम मोदी को आत्मघाती हमले में उड़ाने बात कही गई है। लेकिन क्या प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचना आसान है? क्या राजीव गांधी हत्याकांड जैसा कोई हमला भारत में एक बार फिर हो सकता है। क्या इतना आसान है प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचना। हम आपको बता रहे हैं आखिर कैसा है पीएम मोदी का सुरक्षा कवच।
अगर बात करें प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा कवच की तो पहली लेयर SPG कमांडो की होती है। SPG कमांडो देश के पीएम की सुरक्षा नहीं करते बल्कि पीएम के परिवार वालों की भी रक्षा करते हैं। SPG में करीब 3000 जवान शामिल होते हैं। इन जवानों को अमेरिका की सिक्रेट सर्विस की तर्ज पर ट्रेनिंग दी जाती है। SPG कमांडो 24 घंटे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात होते हैं।
पीएम मोदी की सुरक्षा कवच की दूसरी लेयर निजी सुरक्षा है। SPG कमांडो की तरह इन्हें आसपास के लोगों के शरीर या इशारों में किसी भी तरह हरकत का आकलन करके संभावित खतरों को समझने के लिए अत्यधिक प्रशिक्षित किया जाता है। जबकि तीसरे सुरक्षा कवच में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी NSG के कमांडो शामिल होते हैं जिन्हें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के बाद पीएम की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाता है।
चौथी परत अर्धसैनिक बलों और विभिन्न राज्य की पुलिस अधिकारियों कर्मियों द्वारा दी जाती है। अगर पीएम किसी सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं तो पहले सारे इलाके की छानबीन दिल्ली पुलिस की सिक्यॉरिटी ब्रांच एक दिन पहले करती है और यह सुनिश्चित करती है कि वीवीआईपी के करीब कोई भी घटना न हो।
इसके अलावा पीएम मोदी के काफिले के आसपास कई गाड़ियां और विमान निगरानी करते हैं जिसमे विशेष रूप से किसी भी प्रकार के हवाई या भूमि-आधारित हमलों का सामना करने वाले रासायनिक और जैविक खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किए हुए हथियार शामिल होते हैं।
इन सब के बावजूद पीएम मोदी रोड शो के दौरान बुलेटप्रुफ बीएमडब्ल्यू 7 में सफर करते हैं। इसके अलावा उनके काफिले में साथ दो डमी कारें भी चलती हैं। पीएम मोदी की गाड़ी के ऊपर बहुत-से ऐंटेना फिट रहते हैं। ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटकों को डिफ्यूज़ कर सकते हैं।
पीएम के साथ चलने वाली सब गाड़ियों में एनएसजी के अचूक निशाने वाले कमांडो होते हैं। मतलब ये कि सिक्यॉरिटी देखने के लिए प्रधानमंत्री के साथ करीब 100 लोगों की टीम चल रही होती है। जब पीएम पैदल चलते हैं, तो उनके आस-पास और आगे-पीछे सिविल ड्रेस में एनएसजी कमांडो चलते हैं।