यह सवाल अचानक से जहन में उठता है तब जब लोग कहते हैं कि वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर बैन लगाया था और इतने सालों बाद उसी आरएसएस का एक स्वयं सेवक प्रधानमंत्री बनकर पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ती का निर्माण कर निहार रहा था।
क्या इस वजह से सवाल नहीं हो सकता कि यह उस स्वयं सेवक की मनासिक ऊहापोह का नतीजा है जिसने कभी पटेल को आरएसएस या उसकी पार्टी के खिलाफ होने के बाद भी दुश्मन नहीं माना जिस तरह से उनके हमले नेहरू कांग्रेस और गांधी परिवार को लेकर रहे हैं। अच्छा लग रहा है पटेल को देखकर, अब 182 ऊंचाई पाकर पटेल अब अपने सयुंक्त राष्ट्र को देख रहे होंगे जिनकी जिद्द और मेहनत के नतीजे ने भारत को भारत बनाया। वो भी तब जब देश आजाद हो चुका था। बंटवारे के बाद। अच्छा लगता है जब फेसबुक पर यह लिखा पाया कि गिराने वालों ने पहली बार कुछ बनाया है बड़े मन से, मैं तो इसी से खुश हूँ!
मूर्ति के बारे में….
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां बुधवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।
– उन्होंने गंगा, यमुना, नर्मदा समेत 30 छोटी-बड़ी नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। 30 ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार किया।
– इस मूर्ति का नाम स्टेच्यू ऑफ यूनिटी है और यह दुनिया के सबसे ऊंची मूर्ती है।
– अनावरण समारोह में देश के 33 राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई दी।
As an artist, i extend my congratulations to the entire team for #StatueOfUnity . My SandArt at Puri beach on this momentous occasion. Tributes to Iron Man of India. #SardarVallabhbhaiPatel pic.twitter.com/KjYVrQjiXm
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) October 30, 2018
– नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध पर बनी यह मूर्ति सात किलोमीटर दूर से नजर आती है।
– यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इससे पहले चीन की स्प्रिंग बुद्ध सबसे ऊंची प्रतिमा थी।
– इसकी ऊंचाई 153 मीटर है। इसके बाद जापान में बनी भगवान बुद्ध की प्रतिमा का नंबर आता है जो 120 मीटर ऊंची है।
– तीसरे नंबर पर न्यूयॉर्क की 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी है।
कितना वक्त लगा
– मूर्ति निर्माण में पांच साल का वक्त लगा। सबसे कम समय में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है।
– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को सिंधु घाटी सभ्यता की समकालीन कला से बनाया गया है। इसमें चार धातुओं के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है।
– इससे इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85% तांबा इस्तेमाल हुआ है।
– सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा देख सकेंगे।
The #StatueOfUnity illustrates the spirit of New India.
Its colossal height is a reminder of the colossal skills and aspirations of our Yuva Shakti. pic.twitter.com/R91vJqBxik
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2018