जहां एक तरफ देश का अन्नदाता पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली की सीमा पर मंडियों को बचाने के लिए आंदोलन कर रहा है तो वहीं राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां ऑनलाईन मंडी की शुरुवात हुई है। इस नए प्रयोग से किसानों को बड़ी मात्रा में रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा।
क्या है ऑनलाईन मंडी?
Apna Godam Platform’ एक ऑनलाईन माध्यम हैं जिसके ज़रिए किसान बिना मंडी जाए अपनी फसल बेच सकते हैं। यह देश का पहला ऑनलाईन मार्केट है। इसने लॉकडाउन के दौरान करीब 10 करोड़ की फसल की खरीदी की है।
क्या है APMC और MSP, जिसे बचाने के लिए किसान कर रहे हैं आंदोलन?
यह प्लैटफॉर्म संजय अगरवाल नाम के युवा उद्यमी के दिमाग की उपज है। इसको किसानों तक पहुंचाने का काम अनिल मोदी कर रहे हैं। ऑनलाईन मंडी बनाने का उद्देश्य किसानों को सुगम तरीके से अपनी फसल बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाना है। कई छोटे किसान मंडी आने जाने में असहज महसूस करते हैं। ऐसे में यह ऑनलाईन प्लैटफॉर्म ऐसे किसानों तक पहुंचता है और उनकी फसल को खरीदता है और फसल का दाम सीधे किसान के बैंक खाते तक पहुंचा देता है।
आनलाईन मंडी के संजय अगरवाल के अनुसार इस मंच को बनाने में राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने उनकी मदद की है। इसका मुख्य उद्देश्य मंडी को खेतों तक पहुंचाना है। हम बंद हो चुकी फैक्ट्रीयों और सीमेंट गोडाउन को फसल स्टोर करने के गोडाउन में तब्दील कर रहे हैं जहां किसान अपनी फसल तब तक स्टोर कर सकता है जबतक उसे अच्छा भाव न मिले।
नए कृषि कानून आने के बाद इस तरह के प्लैटफॉर्म काफी मददगार साबित होंगे। जहां किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए नए माध्यम तलाशने होंगे ।
किसानों का दमन करती सरकार की नीति, नए कृषि कानूनों से किसको फायदा?
मंडियों पर निर्भर किसान
जहां एक तरफ किसानों में मंडियां खत्म होने का डर है तो वहीं ऑनलाईन मंडी जैसे मंच किसानों के बीच नई उम्मीद जगा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून किसानों को मंडियों के बाहर फसल बेचने का मौका दे रहे हैं लेकिन किसान इससे नाराज़ हैं। किसानों का मानना है कि इससे मंडियां खत्म हो जाएंगी और वे कॉर्पोरेट और व्यापारियों की रहमों करम के भरोसे रह जाएंगे। जहां मंडियां किसानों के हित की बात करती हैं वहीं नए कानून व्यापारियों के हित की बात करते हैं।
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