नई दिल्ली, 18 दिसंबर। 2014 में विदेशों से काला धन लाकर सभी को 15-15 लाख रुपये देने का वादा कर के सत्ता में आई मोदी सरकार अब तक किसी को एक रुपये भी नहीं दे सकी है। विरोधी इस बात को पीएम मोदी का जुमला बताकर निशाना साध रहे हैं।
वहीं चुनाव नज़दीक है ऐसे में लोकलुभावन वादे शुरू हो चुके हैं। मोदी सरकार में केन्द्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि मोदी सरकार सभी को 15-15 लाख रुपये देगी।
महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि, धीरे-धीरे सभी के खाते में 15 लाख रुपए आ जाएंगे। इसमें कुछ तकनीकी अड़चने आ रही हैं। इतनी बड़ी राशि सरकार के पास नहीं है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से इसके लिए राशि मांग रहे हैं, लेकिन वह देने से इनकार कर रहा है।
जैसे ही रामदास आठवले का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों की प्रतिक्रिया भी तेजी से सामने आने लगी। कुछ लोगों ने इसे सही बताया तो कुछ ने जुमलेबाजी। किसी ने कहा कि जो काम बीते साढे चार साल में नहीं हो पाया है वह महज़ चार महीने में कैसे हो सकता है।
एक ट्वीटर यूजर ने कहा कि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से रघुराम राजन और उर्जित पटेल की छुट्टी ही इसलिए की गई है ताकि आरबीआई के पैसों की बंदरबांट हो सकें।
वहीं एक यूज़र ने ट्वीटर पर कहा कि, सरकार के अब किसी भी वादे पर भरोसा नहीं है। चुनाव से पहले 5 लाख रुपये की पहली किश्त चाहिए। इसके बाद सरकार बनने पर 10 लाख रुपये। बता दें कि मोदी सरकार का कार्यकाल कुछ ही महीनों में खत्म हो रहा है। अप्रेल में लोकसभा चुनाव के लिए अभी से राजनीतिक बयान तेज़ होने लगे हैं।