नई दिल्ली, 2 अगस्त। क्या भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मीडिया की आजादी पर सरकार का पहरा है? क्या सरकार मीडिया पर दबाव बना रही है? डिबेट के दौरान कुछ ऐसे ही सवालों पर लंबी बहस चलती है नतीजा कुछ भी नहीं निकलता, लेकिन देखा जाए तो इन सवालों के जवाब तब सामने आते हैं जब देश के सम्मानित और लोकप्रिय मीडिया हाऊस से कोई सम्मानित पत्रकार अचानक इस्तीफा दे देता है।
दरअसल, देश के सबसे लोकप्रिय हिन्दी न्यूज चैनलों में से एक एबीपी न्यूज इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा इसलिए क्योंकि इस चैनल कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, प्रसून एबीपी न्यूज पर प्राइम टाइम में प्रसारित होने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मास्टर स्ट्रोक’ के दौरान जनता से जुड़े हुए मुद्दों के दौरान सरकार पर तीखा प्रहार कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कई दिनों से मोदी सरकार चैनल पर इस कार्यक्रम को बंद करने का दबाव बना रही थी। सरकार के दबाव के चलते बीते कई दिनों से पुन्य प्रसून के प्रोग्राम ‘मास्टरस्ट्रोक’ को प्राइम टाइम के दौरान उसके प्रसारण में तकनीकि रूप से बाधा पहुंचाई जा रही है।
कुछ दिन पहले भी कार्यक्र के प्रसारण के दौरान सैटेलाइट से गड़बड़ी पैदा कर सिग्नल वीक करने की भी खबरें सामने आई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रसून जब आज अपने दफ्तर एबीपी न्यूज पहुंचे तो उनसे कहा गया कि वे अपना काम कर के चले जाएं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आज ही उनके शो का आखिरी दिन हो सकता है।
हांलाकि, खबरों का बाजार इस बात से भी गर्म है कि, चैनल मैनेजमेंट ने उन्हें कल से आने को मना कर दिया है। इससे ठीक एक दिन पहले ही चैनल के प्रबंध संपादक मिलिंद खांडेकर ने भी अपना इस्तीफा दे दिया था। वहीं अभिसार शर्मा को भी लंबी छुट्टी पर भेज दिए जाने की खबर है।