दुनियाभर में मसालों के बादशाह कहे जाने वाले एमडीएच(MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल(Mahashay Dharampal Gulati) जी का आज सुबह निधन हो गया। उन्होंने सुबह करीब साढ़े 5 बजे 98 की उम्र में अंतिम सांस ली। आपको बता दें कि कोरोना से जंग जीतने के बाद उनकी मौत आज दिल का दौरा पड़ने से हुई है। अपने व्यापार का खुद ही एड करने वाले महाशय जी का भारतीय उद्योग में दिया हुआ योगदान हमेशा याद किया जाएगा। पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था।
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महाशय धर्मपाल(Mahashay Dharampal Gulati) जी ने 27 मार्च, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में जन्म लिया था। 1947 के बंटवारे के बाद जब वह भारत आये थे तब उनके पास महज़ 1500 रुपये थे। शुरूआती समय में उन्होंने घोडा टेंगा चलाकर अपने परिवार को पाला था। इसके बाद उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा थी दिल्ली के करोल बाग में उनकी मसालों की दुकान। फिर धीरे धीरे एक मामूली दुकानदार से दुनियाभर में नाम कमाने वाले महाशय धर्मपाल बन गए थे।
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एक छोटी सी दुकान से मसालों का कारोबार इतना बड़ा हो गया की आज एमडीएच(MDH) की भारत और दुबई में करीब 19 फैक्ट्रियां हैं। ये एमडीएच(MDH) के मसाले दुनियाभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। एमडीएच 60 से ज़्यादा तरह के मसाले बनाता है। आपने अधिकतर एमडीएच के विज्ञापनों में गुलाटी(Mahashay Dharampal Gulati) जी को ही देखा होगा, यही ख़ासियत उनकी शख़्सियत की भी थी। एमडीएच आज के समय में उत्तर भारत के मसाला बाजार पर 80 प्रतिशत लोगो की पहली पसंद है।
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