Madhya Pradesh Elections 2020: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आने से क्या बीजेपी आसानी से उप चुनाव जीत जाएगी। ऐसे तमाम सवालों की सुगबुगाहट राजनीतिक गलियारों में वर्तमान परिस्थियों को देखें तो मंत्री मंडल के गठन बाद मुख्यमंत्री शिवराज बीते कई दिनों से विभागों के बंटवारे के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। शिवराज लिस्ट फाइनल कर चुके हैं लेकिन केंद्र में बैठे मोदी-शाह को इस लिस्ट पर आपत्ति नजर आती है। खबर है कि लिस्ट एक बार फिर केंद्र ही निर्धारित करेगा।
विभागों के बंटवारे के बीच जिस तरह से शिवराज और सिंधिया खेमा आमने-सामने है उसे देखकर लगता है कि ये टकराव की स्थिति उपचुनाव और टिकट बंटवारे के वक्त बढ़ सकती है। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज और बीजेपी लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केरारा विधानसभा क्षेत्र में एक साझा वर्चुअल रैली को संबोधित की।
जून में मुख्यमंत्री ने इंदौर में दो फिज़िकल रैलियों को संबोधित किया था, जबकि सिंधिया ने पिछले कुछ दिनों में अशोक नगर, मुंगाओली और बामोरी विधान सभा क्षेत्रों में वर्चुअल रैलियों को संबोधित किया है।
द प्रिंट की खबर के मुताबिक, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा बताया कि ‘हमने पहले दौर में 24 चुनाव क्षेत्रों में 60 वर्चुअल रैलियों की येजना बनाई है। फिर दूसरे दौर में उन्हीं विधान सभा क्षेत्रों को दूसरे नेता संबोधित करेंगे। पहले फेज़ के बाद मुख्यमंत्री और सिंधिया जी मिलकर साझा फिज़िकल रैलियां शुरू करेंगे।
रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा, शिवराज और सिंधिया की जोड़ी, उपचुनावों में बीजेपी की जीत सुनिश्चित कराएगी। आपने देखा है कि सिंधिया जी कैसे उन इलाक़ों में आक्रामक तरीक़े से प्रचार कर रहे हैं’। लेकिन सवाल अब भी वही कि क्या ये सब कुछ इतना आसान होगा।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी के कई नेता अपनी पार्टी से नाराज चल रह हैं। विरोध के ये स्वर कई बार मीडिया की सुर्खियां तक बन चुके हैं। वहीं दल बदल का सिलसिला दोनों ही पार्टी में जारी है।
इतना ही नहीं इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत ने अपनी ही पार्टी बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे। भंवर सिंह ने कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पुरानी दुश्मनी है और इस दुश्मनी का खामियाजा बीजेपी को आगामी उप चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
भंवर सिंह शेखावत ने एक बयान में कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में दो बार कैलाश को हराया है। कैलाश विजयवर्गीय इस हार का बदला लेना चाहते हैं। इसलिए सिंधिया समर्थकों की सीट के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय बने हैं। भंवर सिंह शेखावत ने आरोप लगाया था कि कैलाश विजयवर्गीय उपचुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।