भोपाल, 23 सिंतबर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनैतिक पार्टियां एक बार फिर जनता को लुभाने के लिए जनसंपर्क यात्रा पर निकल चुकी हैं। कांग्रेस और बीजेपी प्रदेश भर में जनसंपर्क यात्राएं कर रही हैं। वहीं बीएसपी और आम आदमी पार्टी भी मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव महाकुंभ में डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रही है।
एक ओर जहां कांग्रेस बीजेपी पर व्यापम सहित अन्य घोटालों और भ्रष्टाचारु के आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी इस वक्त अपनी ही रणनीति में उलझती नजर आ रही है। मामला एससीएसटी एक्ट से जुड़ा है।
सवर्णों को खुश करने के लिए किए गए इस ट्वीट के बाद मानों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दलित वोटर को छिटकने का डर सताने लगा हो। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि इस मामले में जब उनसे पूछा गया कि क्या एसएसटी एक्ट में जांच के बाद गिरफ्तारी होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री के चेहरे पर खिंची चिंता की लकीरों को साफ पड़ा जा सकता है।
इस मामले में किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान ने एक शब्द भी कहना मुनासिब नहीं समझा। शिवराज अपने ही चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं। सवाल का जवाब दिए बिना ही मुख्यमंत्री वापस लौट गए।
संवर्ण समाज को खुश करने के लिए किए गए ट्वीट के बाद अब मुख्यमंत्री को दलितों की नाराजगी का डर सता रहा है। शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री इस मामले में कुछ बोलने से बचते हुए नज़र आ रहे हैं।
एमपी में नहीं होगा SC-ST ऐक्ट का दुरुपयोग, बिना जाँच के नहीं होगी गिरफ़्तारी।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 20, 2018
बता दें कि 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में चुनाव हो सकते हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक विभिन्न पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर सकती हैं।
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