मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक गर्माहट तेज हो गई है। दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के 22 बागी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी के ही कुछ नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी में शामिल हुए तो उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी के अंदर भी बगावत के सुर उठने लगे हैं।
बीजेपी के कई नेता अब खुलकर पार्टी के आलाअधिकारियों से इस मामले में अपनी बात साफ कहते नजर आ रहे हैं। आज तक की खबर के अनुसार देवास जिले की हटपिपल्या विधानसभा सीट से विधायक रहे चुके बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के राजनीतिक सुर उपचुनाव से पहले बदल गए हैं।
दीपक जोशी ने आज तक से बातचीत में बताया कि वो तीन बार के विधायक हैं और 57 साल की उम्र में अगर पार्टी उनके साथ नाइंसाफी करती है तो वह दूसरे विकल्प पर विचार कर सकते हैं। इस बगावती सुर के बाद साफ समझा जा सकता है कि अगर दीपक जोशी के साथ उनकी अपनी ही पार्टी नाइंसाफी करती है तो वो किसी ओर पार्टी का दामन थाम सकते हैं और इससे सीधे तौर पर बीजेपी को नुकसान होगा।
वहीं अगर ऐसा होता है तो अन्य बीजेपी के अन्य नेता भी बागी तेवर अख्तियार कर पार्टी छोड़ कोई अन्य विकल्प तलाशने शुरू कर देंगे। बता दें कि प्रदेश में कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। वैसे तो चुनाव जून के अंत में होने थे लेकिन कोरोना को देखते हुए अब मामला सिंतबर-अक्टूबर तक टलता नजर आ रहा है। हांलाकि राजनीतिक पार्टियों ने इसके लिए अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है।