बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत ने अपनी ही पार्टी बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। भंवर सिंह ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पुरानी दुश्मनी है और इस दुश्मनी का खामियाजा बीजेपी को आगामी उप चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
भंवर सिंह शेखावत ने एक बयान में कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में दो बार कैलाश को हराया है। कैलाश विजयवर्गीय इस हार का बदला लेना चाहते हैं। इसलिए सिंधिया समर्थकों की सीट के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय बने हैं। भंवर सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि कैलाश विजयवर्गीय उपचुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।
इतना ही नहीं भंवर सिंह शेखावत ने इसके बाद कहा कि, मैंने सुना है कि वह (कैलाश विजयवर्गीय) शिवराज को हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। नहीं बन पाए। इसलिए 2018 में कई विधानसभा सीटों पर पैसा देकर भाजपा के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी उतारे। बदनावर में राजेश अग्रवाल को मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने ही पैसा दिया था। ताई (सुमित्रा महाजन) और भाई (कैलाश विजयवर्गीय) इंदौर को अपनी ग्रिप में रखना चाहते हैं। इसलिए मुझे और उषा ठाकुर को इंदौर की राजनीति से बाहर किया है।
भंवर सिंह शेखावत ने कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, उन्होंने अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को इंदौर से चुनाव लड़ाने के लिए उषा ठाकुर को महू भेजा। मुझे और उषा ठाकुर को इंदौर की राजनीति से बाहर किया। पार्टी फोरम पर मैंने अपनी बात रखी है। समय रहते कदम नहीं उठाया तो गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकते हैं।
भंवर सिंह शेखावत के कैलाश विजयवर्गीय पर लगाए गए इन गंभीर आरोपों के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हरचल तेज हो गई है। वहीं, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस मामले में कहा कि भंवर सिंह शेखावत हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता है। यह हमारे घर का मामला है, हम घर में बैठ कर सुलझाएंगे।