मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के चलते राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बयानबाजी और घोषणाओं का दौर शुरू हो चुका है। इस फेहरिस्त में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि बिजली के बिल माफ कर दिए जाएंगे। लेकिन हर बार की तरह यह सिर्फ जुमला बनकर न रह जाए। मुख्यमंत्री घोषणा तो कर देते हैं लेकिन लोग घोषणाओं को ही जारी आदेश मान लेती है।
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बीते दिनों एक सभा में सीएम शिवराज ने का था कि बढ़े हुए बिजली माफ किए जाते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने निम्न आय वर्ग के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। राज्य सरकार ने एक किलो वाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों (बिल) की 31 अगस्त तक की बकाया राशि को स्थगित करने का फैसला लिया है।
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वहीं राज्य के ऊर्जा विभाग के सचिव आकाश त्रिपाठी ने तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों के प्रबंध संचालकों को निर्देशित किया है कि एक किलोवाट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को आगामी सितम्बर एवं अक्टूबर, 2020 में मात्र उनकी वर्तमान मासिक खपत के आधार पर विद्युत देयक जारी किए जाएं एवं पूर्व बकाया एवं सरचार्ज राशि का समावेश न किया जाए।
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ऊर्जा सचिव त्रिपाठी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस श्रेणी में माह सितम्बर में जारी होने वाले बिलों में केवल मासिक खपत का बिल जारी होगा अर्थात उसमें कोई भी पिछली बकाया राशि एवं एरियर्स सम्मिलित नहीं होंगे। माह अक्टूबर 2020 के बिल में मासिक खपत बिल के साथ यदि किसी उपभोक्ता द्वारा माह सितम्बर का बिल नहीं भरा गया है तो उसकी बकाया राशि में सरचार्ज के शामिल होगी।
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बताया गया है कि आस्थगित बकाया राशि (31 अगस्त की स्थिति में) के बारे में पृथक से निर्देश जारी किए जाएंगे। इन निर्देशों का कड़ाई से समय पर पालन सुनिश्चित करने और बिलिंग सटवेयर में 31 अगस्त तक आवश्यक परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं।
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