भोपाल, 25 अक्टूबर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस जल्द ही अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। उम्मीद जताई जा रही है एक सप्ताह के भीतर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 29-30 अक्टूबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के बाद लिस्ट जारी हो सकती है।
15 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही कारण है कि 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों के नामों में फैसला लेने में इतनी माथापच्ची हो रही है। फिलहाल कांग्रेस की ओर से करीब 110 उम्मीदवारों के नाम लगभग तय बताए जा रहे हैं, लेकिन 120 नामों को लेकर तीन से चार पैनल हर स्तर पर चर्चा कर रहा है।
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1) जीत का कोई भी मौका नहीं छोड़ा चाहती पार्टी
स्क्रीनिंग कमेटी ने जो 110 सिंगल नामों की लिस्ट तैयार की है उनमें मौजूदा 46 विधायकों के नाम शामिल हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व को बचे हुए 120 नामों को फाइनल करने में सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि इस बार कांग्रेस जीतने का कोई भी मौका नहीं गवाना चाहती।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि, विधानसभा चुनाव 2013 में जो उम्मीदवार 3 हजार से कम वोटों से हार गए थे उन्हें दोबारा टिकट दिए जाने पर सहमति बनी है। वहीं दिल्ली में हो रही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सीटों के लिए तैयार किए गए पैनल में नाम तय करने का काम अपने अंतिम दौर में है।
चर्चा इस बात की भी है कि जिस विधानसभा सीट से पैनल में पांच उम्मीदवारों के नाम थे उनमें से तीन को हटाकर दो को ही फाइनल किया गया है। अब पार्टी हाईकमान इन दो नामों में से एक पर अपनी मुहर लगाएगी।
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2) राहुल गांधी और कमलनाथ के सर्वे में अंतर
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि, कमलनाथ ने जिन उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की थी वह राहुल गांधी के सर्वे से मेल नहीं खा रही है। यह भी एक कारण है कि पार्टी को अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में देरी हो रही है। इससे पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम पर एक रायशुमारी के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी और अरुण यादव सहित कई नेताओं को दिल्ली बुलाया था।
3) उम्मीदवार टूटने की आशंका
यूं तो कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूचि अगस्त में ही जारी करने वाली थी, लेकिन उसे डर था कि कहीं बीजेपी उसके उम्मीदवारों को प्रलोभन देकर उसके उम्मीदवारों को न तोड़ दें। हांलाकि, बीजेपी उम्मीदवारों को तोड़ने का काम पहले भी कर चुकी है। इसी आशंका के चलते कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में देरी कर रही है।
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