भोपाल, 25 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ‘कार्यकर्ता महाकुंभ’ के जरिए आधिकारिक तौर पर चुनावी रैलियों का बिगुल बजाने वाली है। इस महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें- Madhya Pradesh Election 2018: एक ट्वीट से सदमे में शिवराज, सता रहा हार का डर!
बीजेपी इससे पहले साल 2008 और 2ं013 में भी इस तरह के महाकुंभ का आयोजन कर सत्ता का सुख भोग चुकी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस कार्यकर्ता महाकुंभ से बीजेपी एक बार फिर इतिहास रचेगी। क्योंकि इस बार प्रदेश में बीजेपी का मुकाबला न सिर्फ कांग्रेस बल्कि आम आदमी पार्टी, बीएसपी और अपनी ही पार्टी में उठ रहा विरोध भी एक बड़ी सिरदर्दी है।
यह भी पढ़ें- SCST एक्ट पर भाजपा का दोहरा चरित्र क्यों?
इन सबसे इतर प्रदेश में योजनाओं और विकासकार्यों के पूरा न होने से जनता में आक्रोश और एससी एसटी एक्ट और आरक्षण के मुद्दे पर बंटे दलित और संवर्ण मुख्यमंत्री शिवराज के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। यूं तो बीजेपी के पास दलित वोटर्स का अपना कोई खास जनाधार नहीं है लेकन संवर्णों की नाराजगी को दूर करने में बीजेपी अब तक सफल नहीं हो पाई है।
बीजेपी इसे दुनिया का सबसे बड़ा कार्यकर्ता महाकुंभ बता रही है। दावा किया जा रहा है कि इसमें 10 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे। प्रदेश की 230 विधानसभाओं के 65,000 से अधिक मतदान केंद्रों से कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है।
यह भी पढ़ें- मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति तैयार, कट सकते हैं कई मौजूदा विधायकों के टिकट
सुरक्षा के भी पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। लगभग 6000 सुरक्षाकर्मियों को पूरे आयोजन के लिए लगाया गया है। 6000 सुरक्षाकर्मियों में से 4000 सेंट्रल रिजर्व फोर्स के जवान हैं। कुल 22 आईपीएस अधिकारी सुरक्षा की कमान संभालेंगे।
समाज और राजनीति की अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर फॉलो करें- www.facebook.com/groundreport.in/