उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पिंकी नाम की युवती के कथित लव जिहाद के मामले में अब नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है। लड़की का आरोप है कि सरकारी डॉक्टर ने उसको इंजेक्शन देकर उसका जबरन गर्भपात कर दिया। लड़की जुलाई में हुई अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए गई हुई थी, तब ही बजरंग दल के कहने पर लड़की और उसके पति को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली पिंकी की उम्र 22 साल है। उसने 5 महीने पहले मुरादाबाद के कांठ तहसील निवासी राशिद से उत्तराखंड के देहरादून में लव मैरिज कर ली थी। 5 दिसंबर को पिंकी मुरादाबाद के कांठ में मुंसिफ मजिस्ट्रेट के यहां अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने दीपक नाम के अधिवक्त के पास जा रही थी।
इसी दौरान रास्ते में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पकड़ लिया। पिंकी का आरोप है कि बजरंग दल के नेताओं ने उनका उत्पीड़न किया और ज़िला अस्पताल में डॉक्टरों ने बजरंग दल के कहने पर ग़लत इंजेक्शन लगाकर जबरन गर्भपात कर दिया।
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मुरादाबाद की सीजेएम कोर्ट ने पिंकी का बयान लेने के बाद उन्हें बालिग मानते हुए पति राशिद के साथ ही रहने की इजाज़त दे दी है। कोर्ट के आदेश के बाद अब पिंकी नारी निकेतन से अपनी ससुराल कांठ आ चुकी है।
पिंकी ने अपने बयान में कहा, हमने अपनी मर्ज़ी से की है। 24 जुलाई को हमारा निकाह ISBT आज़ाद कॉलोनी में हुआ । मैं अपनी ज़िन्दगी में सही और ग़लत के फैसले लेने में पूरी तरह से सक्षम हूं।
पिंकी देहरादून में नौकरी करती है, जहां उसकी नौकरी राशिद से दोस्ती हो गई। पिंकी का कहना है कि एक साल की दोस्ती के बाद उसने 24 जुलाई को राशिद से शादी कर ली। पिंकी का आरोप है कि बजरंग दल कार्यकर्ता जबरन उसको और उनकी सास नसीम जहां को पकड़कर थाना कांठ ले गए। जहां पिंकी ने सबके सामने ही कहा कि वो 22 साल की बालिग है और उसने अपनी मर्ज़ी से राशिद से शादी की है।
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बजरंग दल के कार्यकर्ता उससे थाने में ही किसी पुलिसिया अंदाज़ में पूछताछ करने लगे। पिंकी के मुताबिक बजरंग दल कार्यकर्ता अपनी कार से बिजनौर पहुंचे और वहां से उसकी मां को डरा धमका कर उनसे उसके पति राशिद और उसके भाई सलीम के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया।
पुलिस पर आरोप है कि उसने भी बिना किसी जांच पड़ताल के पिंकी के शौहर राशिद और उसके जेठ सलीम को जेल भेज कर पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया। इसी दौरान पिंकी के पेट मे दर्द हुआ तो उसे ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिंकी का आरोप है कि उसे अस्पताल में न जाने कौन से ऐसे इंजेक्शन लगाए गए जिससे उसे ब्लडिंग शुरू हो गई और इसी दौरान उसका गर्भपात हो गया।
यूपी सरकार ने 29 नवंबर को अवैध धर्मांतरण निषेध अध्याधेश पारित किया था। इसके तहत अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी से दो महीने पहले ज़िलाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
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इस अध्याधेश के तहत अवैध धर्म परिवर्तन पर दस साल तक की सज़ा का प्रावधान है और ये ग़ैर-ज़मानती अपराध है। इस मामले में मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनो आरोपी अभी जुडिशियल रीमांड पर हैं और इस मामले में छानबीन जारी है।
पुलिस ने पिंकी की मां की शिकायत पर धर्मान्तरण का केस दर्ज कर पिंकी के पति और जेठ को जेल भेज दिया था और पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया गया था। अब कोर्ट के आदेश पर पिंकी को उसके सुसराल वालों के सपुर्द कर दिया गया है।
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