इस बार अमेरिकी चुनाव हमेशा की तरह से अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। कोरोना काल के चलते वोटिंग पैटर्न में काफी कुछ बदलाव देखने को नज़र आए। अमेरिका के कुछ राज्यों में कोरोना के डर से वोटिंग का प्रतिशत कम हुआ तो कई हिस्सों में रिकार्ड मतदान देखा गया। वहीं, अंतरिक्ष यात्री भी इस चुनाव में वोट डालने से पीछे नहीं रहे। स्पेस से भी अमेरिका के चुनाव में वोट पड़े।
केट रुबिन्स नाम की एक अंतरिक्ष यात्री फिलहाल एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद हैं। उन्होंने अमेरिका की धरती से हजारों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष से इन चुनावों में वोट डाला है। नेशनल एयरनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन(नासा) के साथ बातचीत में केट ने इस प्रक्रिया के बारे में बताया।
आइये जानते हैं कि स्पेस से कैसे डाला जाता है वोट
अंतरिक्ष यात्री ने नासा से बात-चीत में बताया कि ये प्रोसेस तब शुरू हुआ था जब उन्होंने फेडरल पोस्टकार्ड एप्लीकेशन को भरा था। ये एप्लीकेशन काफी हद तक उसी एप्लीकेशन से मिलती-जुलती है जिसमें आर्मी के लोग बाहर देश में होने पर वोट डालने के लिए एप्लीकेशन भरते हैं।
क्या भारत में ‘लव-जिहाद’ के ख़िलाफ क़ानून संभव है, क्या कहता है संविधान?
एफपीसीए अप्रूव होने के बाद एस्ट्रोनॉट वोटिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के होमटाउन में मौजूद काउंटी क्लर्क नासा के हाउस्टन में मौजूद जॉनसन स्पेस सेंटर में एक टेस्ट बैलेट भेजते हैं। इसके बाद एक स्पेस स्टेशन ट्रेनिंग कंप्यूटर की मदद से टेस्ट किया जाता है कि क्या ये बैलेट भर पाया या नहीं। इसके बाद इसे काउंटी क्लर्क के पास भेज दिया जाता है।
टेस्ट के पूरा होने के बाद एक सिक्योर इलेक्ट्रॉनिक बैलेट कर्ल्क ऑफिस द्वारा जनरेट किया जाता है। इसके बाद एस्ट्रोनॉट वोट डालते हैं और ईमेल के सहारे काउंटी कर्ल्क द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर इसे रिकॉर्ड किया जाता है। इसका सिर्फ एक ही पासवर्ड होता है ताकि सिर्फ आधिकारिक इंसान द्वारा इस बैलेट को खोला जा सके। हर अमेरिकी नागरिक की तरह किसी भी एस्ट्रोनॉट के लिए ये जरूरी है कि वो अपना वोट चुनाव के दिन शाम 7 बजे तक जरूर भेज दे। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनका वोट काउंट नहीं होता है।
You can connect with Ground Report on Facebook, Twitter and Whatsapp, and mail us at [email protected] to send us your suggestions and writeups