सोमवार 20 मार्च को अलग अलग राज्यों से लाखों किसान दिल्ली पहुंचे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत (Kisan Maha Panchayat Delhi) का आयोजन करवाया गया है जिसका मकसद पिछले किसान आंदोलन के समय जो वादे सरकार ने किये थे, उनको पूरा करवाना है।
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को किसानों से जो वादे किये थे उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया है। सरकार ने कानून तो वापस ले लिए लेकिन हमारे जो अतिरिक्त मांगे थी उनपर अमल नहीं किया।
क्या हैं किसानों की मांगे जो पूरी नहीं हुई?
- पहली तो यह कि जिन किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान केस दर्ज हुए उन्हें वापस लिया जाए।
- एमएसपी यानी फसल पर मिलने वाला समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा चाहता है कि केंद्र द्वारा बनाई गई एमएसपी समिति को भंग कर दिया जाए।
- तीसरी मांग है कि जिन किसानों की मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई थी, सरकार उनको मुआवज़ा दे।
- चौथी मांग है कि बिजली बिल के साथ जो भी कर्ज किसानों पर है उसे माफ किया जाए। ज्वाईंट पार्लियामेंट्री कमिटी द्वारा रेफर किया गया इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 वापस लिया जाए।
किसानों का कहना है कि इस बिल के लिए सरकार ने किसानों से बात नहीं की। किसान चाहते हैं कि उन्हें खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए और घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट तक बिल माफ होना चाहिए। - इसके अलावा किसानों के लिए पेंशन योजना की मांग की जा रही है।
क्या है सरकार की तैयारी?
दिल्ली में किसान महापंचायत (Kisan Maha Panchayat Delhi) को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके लिए अतिरिक्त 2 हज़ार सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
दिल्ली के लोगों से दिल्ली गेट से अजमेरी गेट के बीच जेएलएन मार्ग को न इस्तेमाल करने की अपील की गई है। किसानों के रामलीला मैदान में जमावड़े की वजह से इसके आसपास के इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है।
और पढ़ें-
- राजधानी भोपाल सहित कई इलाकों में वर्षा, इन जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की संभावना
- मर्द और औरत बराबर, फिर औरत कमज़ोर कैसे?
- हीट स्ट्रेस के चलते बढ़ेंगी भारत में चरम मौसम घटनाएं
Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on Facebook, Twitter, Koo App, Instagram, Whatsapp and YouTube. Write us at GReport2018@gmail.com.