देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के रोज़ बढ़ते मामलों के लिए शादियों, स्थानीय चुनावों और किसान आंदोलन को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बंगाल समेत पांच राज्यों में हो रहे चुनाव और वहां हो रही प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी-बड़ी रैलियों को इससे बाहर रखा।
देश के 11 राज्यों में तेज़ी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने उन राज्यों की सूची जारी की जहां कोरोना की स्थिति गंभीर हैं। यह राज्य हैं महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान। इन राज्यों में मामलों के बढ़ने के साथ ही मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। सरकार के लिए राहत की बात यह है कि इनमें से किसी राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं है। और न ही किसान आंदोलन इन राज्यों में हो रहा है।
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अहम बातें-
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तो क्या चुनावी राज्यों से भाग गया है कोरोना
अचरज की बात यह है कि जिन राज्यों में वोट डाले जा रहे हैं वहां कोरोना के मामले सरकार के अनुसार ज़्यादा नहीं है। यह राज्य हैं बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डूचेरी।
इन राज्यों में इतनी भीड़ इक्ट्ठा की गई जिसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि नेताओं को आम आदमी की जान की कोई फिक्र है।
बच्चों के स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को बंद किया जा रहा है लेकिन नेताओं की रैलियां जारी है।
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