साल 2017 को देश के सर्वोच्च विश्वविद्यालय में से एक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के स्टूडेंट नजीब अहमद अचानक गायब हो गया। इसके बाद से उसकी तलाश में जुटी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई को अफलता हाथ लगी है। नजीब के लापता होने के 1 साल 11 महीने 14 दिन बाद भी सबूत नहीं मिला। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब के मां की याचिका को खारीज करते हुए सीबीआई को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की इजाजत दे दी है।
क्या है मामला…
– 15 अक्टूबर 2016 को JNU के एमएससी का छात्र नजीब अहमद कैंपस से अचानक लापता हो गया। इस मुद्दे पर कई जगह प्रदर्शन हुए, नजीब की मां ने भी कई बार सरकार से गुहार लगाई, लेकिन उनके बेटे का कोई सबूत नहीं मिला। हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच मई 2017 में सीबीआई को दी थी।
एबीवीपी के छात्रों से हुआ था विवाद
नजीब के गायब होने से पहले उसका एबीवीपी के छात्रों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
इसके बाद पूछताछ में एबवीपी के छात्रों ने अपने बयान मे कहा था कि नजीब के लापता होने में उनका कोई हाथ नहीं है।
ऑटो से कहीं जाने को निकला था
कहा जाता है कि नजीब ऑटो से कहीं जाने के लिए हॉस्टल से निकला। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बहुत दिनों तक जांच की, लेकिन उनके हाथ खाली रहे। जिसके बाद CBI ने इस मामले को संभाला
मामले में 9 छात्रों पर संदेह जताते हुए उनसे पूछताछ की। सभी ने नजीब लापता होने के मामले में किसी भी तरह से संबंध होने से इनकार कर दिया था