India China Border Tension: भारत और चीन की सीमा पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं चीन के 43 सैनिकों हताहत होने की खबर है। मामले की गंभीरता अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत-चीन के बीच हुई झड़प आधिकारिक भारतीय सेना की ओर से जारी किया। आमतौर भारती-चीन सीमा विवाद के बयान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए जाते रहे हैं।
भारतीय सेना की ओर से आधिकारिक जारी किए गए बयान में पहले जानकारी दी गई कि भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प में एक कर्नल और दो जवानों सहित तीन सैनिक शहीद हुए हैं। हालांकि देर शाम फिर एक बयान में जानकारी दी गई कि घटना में भारतीय सेना के 20 सैन्य कर्मी शहीद हुए हैं। शहीद भारतीय सैनिकों की संख्या बढ़ भी सकती है। जवाबी हमले में चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं। खास बात यह है कि इस झड़प में दोनों ओर से एक भी गोली नहीं चली।
भारतीय सेना की ओर जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवन इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 17 भारतीय सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई। उस इलाके में तापमान शून्य से नीचे है। इस तरह इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं।
भारतीय सेना की ओर जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवन इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 17 भारतीय सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई। उस इलाके में तापमान शून्य से नीचे है। इस तरह इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई। तेलंगाना निवासी शहीद कर्नल संतोष बाबू भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। एलएसी पर सैनिकों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। जबकी चीन के मारे गए सैनिकों पर चीन ने चुप्पी साध ली है। वहीं चीन की सीमा पर उनके घायल सैनिकों ले जानेक के लिए दिन भर चीन के हेलिकॉप्टर मंडराते रहे।