संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में भाषण देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा- यदि यूएन ने कश्मीर पर जल्द ही कोई फ़ैसला नहीं लिया तो दो परमाणु देश जंग के मैदान में आमने-सामने होंगे.
इमरान के कहा कि अगर युद्ध हुआ तो कुछ भी हो सकता है. पाकिस्तान के पास ख़ुद से सात गुना बड़े मुल्क के ख़िलाफ़ आख़िर तक लड़ने के सिवा कोई और रास्ता नहीं होगा और अगर ये जंग ऐटमी हुई तो इसके परिणाम पूरी दुनियां को भी भुगतने होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधन में इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर देर तक बात-चीत करने के लिए दी गई समय सीमा से बहुत अधिक समय लिया.
इमराम ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी आरएसएस के सदस्य हैं. यह संगठन हिटलर और मुसोलिनी का पैरोकार है. गांधी को भी इसी संगठन से जुड़े लोगों ने ही क़त्ल किया था. आरएसएस भारत के मुस्लमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैला रहा है. यह संगठन हिटलर से प्रभावित हो कर बना है.इमरान ने कहा कि मैं दुनियां को डराने नहीं आया बल्कि इस मामले की संवेदनशीलता को समझाने की आया हूं. कश्मीर की इस सूरत-ए-हाल को सही करने की ज़िम्मेदारी यूएन की है.
इस संगठन के वजूद में आने का असल मक़सद ही मुस्लमानों और ईसाइयों को भारत से मिटाना है. इसी विचारधारा के चलते मोदी ने 2002 में गुजरात में हज़ारों मुस्लमानों का क़त्लेआम करवा था.कश्मीर में भारत ने लगभग दो महीने से कर्फ्यू लगा रखा है. कश्मीर से कर्फ्यू हटते ही भारत वहां बेगुनाह कश्मीरियों का क़त्लेआम करेगा. इमरान के कहा कि आज 8 लाख कश्मीरी मुस्लिमों को उनके घरों में कैद कर लिया जाता है, अगर आज कोई 8 लाख यहूदियों या ईसाइयों को कैद कर लेता तो क्या दुनिया इसी तरह से चुप रहती?
इमरान ने कहा कि भारतीय हिंसा के कारण अतिवाद बढ़ रहा है, इसने लोगों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया है.पुलवामा हमले में शामिल कश्मीरी युवा भी भारतीय हिंसा के शिकार थे. भारत ने संयुक्त राष्ट्र के 11 प्रस्तावों का उल्लंघन किया है. पिछले 30 वर्षों में 1 लाख से ज़्यादा कश्मीरियों ने अपनी जान की क़ुरबानी दी है. मोदी को उसके ग़ुरूर और घमण्ड़ ने अंधा कर दिया है. मुझे इस बात का दुख है कि दुनिया इंसानियत के बजाए अपना कारोबार देख रही है.
इमरान ने आगे कहा कि कोई भी धर्म कट्टरवाद नहीं सिखाता है, दुख की बात है कि कुछ नेता इस्लामी आतंकवाद और कट्टरता के शब्दों का उपयोग करते हैं, दुख की बात है कि मुस्लिम देशों के नेताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. इमरान ने संयुक्त राष्ट्र को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान आज वहीं खड़े हैं जहां 1939 में यूरोप खड़ा था.
उन्होंने कहा कि 1939 में यूरोप ने हिटलर का तुष्टिकरण किया जिसका नतीजा ये हुआ कि दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध से गुज़रना पड़ा. उन्होंने दुनिया से अपील की कि आज कश्मीर में यही हालात हैं और दुनिया को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.