लखनऊ, 30 दिसंबर। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसक भीड़ द्वारा की गई एक पुलिसकर्मी की हत्या का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हो पाया था कि यूपी के गाजीपुर में भीड़ ने एक पुलिसकर्मी की फिर हत्या कर दी। पढ़ें गाजीपुर हिंसा की 5 खास बातें…
1) हिंसा में यूपी पुलिस का एक जवान शहीद
गाजीपुर के नौनेरा क्षेत्र में शनिवार को हुई पत्थरबाजी की घटना में युपी पुलिस में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स शहीद हो गए। गाजीपुर में हुए पथराव और हिंसा का सीधा आरोप निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है।
2) 32 के खिलाफ FIR, 11 हिरासत में
इस मामले में यूपी पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए 11 लोगों को हिरासत में लिया है। जबकी पुलिस की छापेमारी जारी है। वहीं हिंसा के मुख्य आरोपी निषाद पार्टी और उसके अध्यक्ष संजय निषाद से सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि, हमारी पार्टी पर लग रहे हिंसा के आरोप बेबुनियाद हैं। हम देश के संविधान को सर्वोपरि मानते हैं और वही हमारे लिए बाइबल और कुरान है।’
3) निषाद पार्टी और बीजेपी कार्यताओं के बीच पथराव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हिंसक घटना को गाजीपुर जिले के गाजीपुर कठवा मोड़ के पास अंजाम दिया गया। आरोप है कि शनिवार को पीएम मोदी की रैली से लौट रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थकों की गाड़ियों पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया। बाद में दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी हुई।
4) हिंसा बढ़ती देख पुलिस ने संभाला मोर्चा
मामला बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला लेकिन इसी दौरान कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मी सुरेश को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अन्य पुलिसकर्मियों के पैरों में चोट लगी है।
5) योगी सरकार ने की शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये घोषणा
वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से शहीद सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया गया है। सिपाही की पत्नी को 40 लाख रुपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है।