Powered by

Home Hindi

महात्मा गांधी के वो तीन आंदोलन जिसने हिला दी थी अंग्रेजी हुक़ूमत की चूलें

महात्मा गांधी : महात्मा गांधी : गुजरात के पोरबंदर शहर में 2 अक्तूबर 1869 को जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी ने सत्य और अहिंसा

By Ground report
New Update
महात्मा गांधी के वो तीन आंदोलन जिसने हिला दी थी अंग्रेजी हुक़ूमत की चूलें

महात्मा गांधी : गुजरात के पोरबंदर शहर में 2 अक्तूबर 1869 को जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी ने सत्य और अहिंसा को अपना ऐसा मारक और अचूक हथियार बनाया जिसके आगे दुनिया के सबसे ताकतवर ब्रिटिश साम्राज्य ने घुटने टेक दिए। आज उनकी 149वीं जयंती के मौके पर हम आपको बता रहे हैं भारत को आज़ादी दिलाने में महात्मा गांधी के उन तीन आंदोलनों के बारे में जिसने अंग्रेजी शासन को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

महात्मा गांधी  असहयोग आंदोलन (1920)
दमनकारी रॉलेट एक्ट और जालियांवाला बाग संहार की पृष्ठभूमि में मोहनदास करमचंद गांधी ने भारतीयों से ब्रिटिश हुक़ूमत के साथ किसी तरह का सहयोग नहीं करने के अपील के साथ इस आंदोलन की शुरूआत की। इस पर हजारों लोगों ने स्कूल-कॉलेज और नौकरियां छोड़ दीं।

सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
स्वशासन और आंदोलनकारियों की रिहाई की मांग और साइमन कमीशन के खिलाफ इस आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सरकार के किसी भी आदेश को नहीं मानने का आह्वान किया। महात्मा गांधी की इस अपील के बाद लोगों ने सरकारी संस्थानों और विदेशी वस्तुओं का बड़े स्तर पर बहिष्कार किया।

भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह सबसे बड़ा आंदोलन था। उन्होंने 8 अगस्त 1942 की रात अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई सत्र में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। इस आंदोलन से मानों अंग्रेजी हुक़ूमत बुरी तरह लड़खड़ा गई। यह आंदोलन पूरे देश में भड़क उठा और कई जगहों पर सरकार का शासन समाप्त कर दिया गया।

You can connect with Ground Report on FacebookTwitterInstagram, and Whatsapp and Subscribe to our YouTube channel. For suggestions and writeups mail us at [email protected] 

ALSO READ: