कोमल बड़ोेदेकर | नई दिल्ली
पिछले कई दिनों से सरकार से फेलोशिप में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे देश भर के रिसर्च फेलो अब भूख हड़ताल और आंदोलन करने को आमादा है। करीब 6 महीनों से मानव विकास मंत्रालय सहित अन्य संबंधित मंत्रालयों के चक्कर काटने के बावजूद भी रिसर्च स्कॉलर्स को आश्वसान ही मिला है।
IIT, IIM, JNU, AIIMS, IISER, DU, BHU सहित देश भर के तमाम संस्थानों के हजारों रिसर्च स्कॉलर्स अब अपने-अपने शोध कार्य छोड़ दिल्ली पहुंच चुके हैं, जहां 16 जनवरी को भारी बल संख्या में ये छात्र नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्रालय का घेराव कर फेलोशिप में वृद्धि की मांग करेंगे।
इस मामले में AIIMS नई दिल्ली के पीएचडी स्कॉलर और सोसायटी ऑफ यंग साइंटिस्ट (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के चेयरमेन लाच चंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि हम पहले ही इस संबंध में शासन-प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं। देश भर से हजारों छात्र दिल्ली कूच कर रहे हैं, जहां 16 जनवरी को 11 बजे रिसर्च स्कॉलर्स MHRD का घेराव कर फेलोशिप में वृद्धि की मांग करेगा।
बता दें कि इससे पहले रिसर्च स्कॉलर्स ने मोदी सरकार के कई मंत्रियों जैसे केन्द्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी और अन्य दफ्तरों के आलाअधिकारियों से मुलाकात कर 31 दिसंबर तक फेलोशिप बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन डेडलाइन के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब अब तक नहीं मिला है, जिसके चलते रिसर्च स्कॉलर अपनी आवाज तेज करते हुए आंदोलन कर रहे हैं।
रिसर्च फेलो की प्रमुख मांग-
1) जेआरएफ, एसआरएफ, पीएचडी कर रहे लोगों की फेलोशिप की रकम 20 फीसदी प्रतिवर्ष के हिसाब से 80 फीसदी बढ़ाई जाए। क्योंकि यह हर चार वर्ष में एक बार बढ़ती है।
2) फेलोशिप के तहत मिलने वाली यह रकम हर महीने समय पर आए, क्योंकि अब तक यह रकम कभी तीन महीने, छह महीने या कभी 8 महीने गुजर जाने के बाद मिलती है।
3) सरकार वेतन आयोग के तहत ऐसी गाइडलाइन बनाए जिससे यह तय हो कि फेलोशिप के तहत करने वाले रिसर्चर्स को हर महीने समय पर फेलोशिप की रकम मिले।