(farmers protest: meeting between farmers and modi sarkar end without conclusion next talks on 8 January) किसान आंदोलन: कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर बैठे किसान किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं है। आज किसानों और मोदी सरकार के बीच सातवें दौर की बैठक थी। इसमें किसानों और सरकार के बीच तनातनी भी देखने को मिली। इस बीच किसानों ने साफ कर दिया कि किसान बिल वापस नहीं तो किसान भी घर नहीं जाएगा बिल वापस लेने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान सरकार द्वारा संशोधित पत्र भी दिया गया लेकिन इस संशोधन को किसान नेताओं ने फाड़ दिया। (farmers protest: meeting between farmers and modi sarkar end without conclusion next talks on 8 January)
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बता दें कि किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सातवें दौर की बातचीत आज यानी सोमवार को हुई है लेकिन ये बैठक पूर्व की तरह ही बेनतीजा साबित हुई। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है वहीं किसान भी कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। अब अगली बैठक 8 जनवरी को होनी है। (farmers protest: meeting between farmers and modi sarkar end without conclusion next talks on 8 January)
किसान आंदोलन को बदनाम करने वाले राजनीतिक बयान
मोदी सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने सरकार का दिया संशोधन फाड़ दिया है। आज की बातचीत में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है। किसानों ने मोदी सरकार को दो टूक कहा है कि कृषि बिल वापस नहीं तो किसान भी वापस नहीं जाएंगें। जब तक सरकार बिल वापस नहीं ले लेती हम डटे रहेंगे।
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इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने विभिन्न किसान संगठनों के 41 नेताओं के साथ बातचीत की लेकिन बैठक बेनतीजा ही साबित हुई। दोपहर को शुरू हुई बैठक काफी देर तक चली। बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने एक बयान में कहा कि, हमारी मांगों पर बातचीत हुई। कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं। कोई तनातनी नहीं है। हमने साफ कर दिया है कानून वापसी के बिना कुछ भी मंजूर नहीं है। 8 जनवरी को फिर से बात होगी। हमने सरकार का संशोधन फाड़ दिया।
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