ईरान (Iran) में पिछले कुछ समय से बड़े पैमाने पर महिलाएं अपने अधिकारों, हिजाब और ह्यूमन राइट्स को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इन विरोध प्रदर्शन ने तब विक्राल रूप ले लिया जब ईरानी पुलिस ने हिजाब सही से न पहने के कारण एक 22 वर्षीय लड़की माशा अमीनी को गिरफ्तारी के बाद मौत हो गई। इसके बाद पूरे ईरान में लोग सड़कों उतर आए। ख़ासकर महिलाएं इस प्रदर्शन का मुख्य हिस्सा रहीं। तोड़-फोड़ आगज़नी के साथ-साथ सरकार का विरोध शुरू हो गया। कई ह्यूमन राइट्स संस्थानों ने दावा किया कि ईरानी सरकार ने कम से कम 15000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।
15 हज़ार प्रदर्शकारियों को मौत की सज़ा
बीते सोमवार को कुछ पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हैं। जिसमें लिखा है कि ईरानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 15000 हज़ार लोगों को मौत की सज़ा सुना दी गई है। हैरानी की बात ये है कि ऐसी पोस्ट कुछ फेमस सेलिब्रिटीयों ने भी शोयर की। जिनमें like Peter Frampton, Sophie Turner and Viola Davis जैसे लोग शामिल है। इन लोगों ने भी पोस्ट शेयर कर 15 हज़ार ईरानी नागरिकों को मौत की सज़ा देने वाले पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किए।
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट VERIFY ने इस ख़बर की पड़ताल की और पाया कि ये दावा पूरी तरह से ग़लत है। 15000 प्रदर्शकारियों को ईरानी सरकार ने गिरफ्तार कर मौत की सज़ा सुना दी है। यह दावा ग़लत है। यह न्यूज़ पूरी तरह से फेक है। अब तक ईरान में हुए प्रदर्शन से जुड़े मामलों में अभी तक एक व्यक्ति को मौत की सज़ी सुनाई गई है। इसके साथ यह भी दावा किया गया कि ईरानी पार्लियामेंट में प्रदर्शकारियों को मौत की सज़ा दिए जाने को लेकर सरकार के फेवर में वोट दिया है।
मौत की सज़ा में आई तेज़ी
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट VERIFY ने बताया कि ईरानी पार्लियामेंट में मौत की सज़ा के पक्ष में वोट नहीं बल्कि सख्त सज़ा पर विचार किए जाने की बात सामने आई है। मौत की सज़ा पर सरकार के पक्ष में वोट वाला दावा ग़लत है। लेकिन कुछ बातें ज़रूर सही है जैसे ईरानी सरकार इन प्रदर्शकारियों के प्रति सख्त रुख अपनाने और सज़ा पर विचार कर रही है। ईरानी सरकार के नेता भी इसके पक्ष में है कि ऐसे प्रदर्शकारियों से सख्ती से निपटा जाए।
ईरानी ह्यूमन राइट्स संस्था के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में ईरान सरकार ने अलग-अलग मामलों में 470 लोगों को मौत की सज़ा दी है। Amnesty International की रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में ये आंकड़ा 314 था। साथ ही यह भी बताया कि ईरान में मौत की सज़ा के मामलों में तेज़ी आई है।
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