ग्राउंड रिपोर्ट । न्यूज़ डेस्क
देश में कोरोनावायरस तेज़ी से पैर पसार रहा है। देश 21 दिन के लॉकडाउन में हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलाई गई हैं और लोग उन अफवाहों को सत्य मानकर तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर आने वाले पोस्ट को गंभीरता से न लें पहले इनकी सत्यता की जांच करें। हम आपको ऐसे ही कुछ सवाल जो शायद आपके ज़हन में होंगे उनके जवाब यहां देने की कोशिश कर रहे हैं। यह सभी जवाब वर्लड हेल्थ ऑरगेनाईज़ेशन की वेबसाईट पर भी उपलब्ध है। आप इस लिंक के ज़रिए देख सकते हैं। कोरोना से ज़ुड़े मिथक और तथ्य-
COVID-19 हर तरह के मौसम में फैलती है. ठंडे या गर्म मौसम से इस बीमारी का कोई सरोकार नहीं है. यह ठंडे क्षेत्रों के साथ-साथ गर्म और आर्द्रता वाले क्षेत्र में भी फैलता है. COVID-19 से खुद को बचाने के लिए सबसे सरल रास्ता यह है कि कुछ-कुछ समय के अंतराल पर हाथ साफ करें. बार-बार हाथ साफ रखने से आप इस वायरस से बच सकते हैं, क्योंकि हाथ साफ रहेगा, तो आप अपने आंख, मुंह और नाक छुएंगे, तो भी इस इंफेक्शन का खतरा नहीं रहेगा.
अभी तक इस वायरस को लेकर ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले है कि ठंडी जगह या ठंडी हवा में यह वायरस मरता है. इंसान के शरीर की तापमान 36.5 से 37 होती है. इन सब के बीच सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आप कुछ-कुछ समय के अंतराल पर हाथ साफ करते रहें. अल्कोहल से बने साबुन और सैनेटाइजर से हाथ साफ करें.
गर्म पानी से नहाने के बावजूद आप COVID-19 से बच नहीं सकते हैं, क्योंकि आपके शरीर का तापमान 36.7 से 37 के बीच होता है. साथ ही ज्यादा गर्म पानी से नहाना आपके शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. COVID-19 से बचना है, तो इसका बेहतरीन उपाय है थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ साफ करते रहें, ताकि आपके हाथ के माध्यम से वायरस आपके आंख, मुंह और नाक के अंदर न जाए.
अभी तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, जिनसे यह पता चले कि मच्छर के काटने से कोरोनावायरस फैलता है. कोरोनावायरस सबसे पहले इंसान के फेफड़े पर हमला करता है और फिर खांसी और छींक के माध्यम से इस वायरस का सलाइवा नाक से बाहर निकलता है. अगर इस वायरस से खुद को सुरक्षित रखना है, तो हमेशा अपने हाथ साफ रखें, और उन्हें एल्कोहल से बने साबुन और सेनेटाइजर से साफ करते रहें. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि किसी व्यक्ति को कफ या सर्दी है, तो उससे दूरी बनाकर रखें.
यह बिल्कुल गलत है कि हैंड ड्रायर कोरोना 2019 वायरस को मार सकता है. अगर आपको इस वायरस से खुद को सुरक्षित रखना है, तो हमेशा अपने हाथ साफ रखें. एल्कोहल से बने साबुन से हाथ साफ रखें. हाथ जब साफ हो जाएं, उसके बाद हैंड ड्रायर या पेपर टॉवल से सुखा लें.
अल्ट्रावायलट कीटाणुशोधन लैंप बिल्कुल भी प्रयोग न करें, क्योंकि इससे आपको त्वचा से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
थर्मल स्कैनर्स उन लोगों का पता लगाने में प्रभावी हैं, जिन्होंने कोरोनोवायरस के संक्रमण के कारण बुखार (यानी शरीर के सामान्य तापमान से अधिक है) है. हालांकि, वे उन लोगों का पता नहीं लगा सकते, जो इस बीमारी से संक्रमित हैं और जिन्हें बुखार नहीं हुआ है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि संक्रमित लोगों को बीमार होने और बुखार आने में 2 से 10 दिन लगते हैं.
शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन लगाने से शरीर में पहले से मौजूद वायरस नहीं फैलेंगे, लेकिन ऐसे पदार्थों का प्रयोग आपके आंख, मुंह के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. एक बात हमेशा याद रखें कि अल्कोहल और क्लोरीन दोनों ही कीटाणुरहित सतहों के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन शरीर के लिए यह बेहद खतरनाक हैं.
इस बात के अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवरों से कोरोनावायरस फैलता है. हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि पालतू जानवरों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना न भूलें.
निमोनिया का टीका, जैसे न्यूमोकॉकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन इस कोरोनावायरस से बचाव नहीं कर सकती है. यह वायरस इतना नया और अलग तरह का है कि इसके लिए नए टीके की जरूरत है. शोधकर्ता 2019-nCoV के खिलाफ टीका बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और WHO उनके प्रयासों का समर्थन कर रहा है.
नहीं. इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं कि खारे पानी से नाक साफ रखने से नए कोरोनावायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है. वहीं, दूसरी तरफ अगर आप खारे पानी से नाक साफ करते हैं, तो सामान्य सर्दी-कफ जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है.
लहसुन हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. लहसुन के अंदर रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, लेकिन अभी तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि लहसुन खाने से आप COVID-19 से बच सकते हैं
कोरोनावायरस का संक्रमण हर उम्र के लोगों को हो रहा है. लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि ज्यादा उम्र के लोग और खासकर ऐसे बुजुर्ग, जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारी है, ऐसे लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है. WHO के मुताबिक, इस वायरस से हर उम्र के लोगों को खतरा है, लेकिन आप अपने हाथ साफ और साफ-सफाई का ख्याल रखते हैं, तो आप इस वायरस से बच सकते हैं.
एंटीबायोटिक्स वायरस की रोकथाम करने में सफल नहीं हैं, बल्कि यह बैक्टीरिया में फायदेमंद है. नोवेल कोरोनावायरस एक वायरस है और इसके इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक्स देने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यह इसके इलाज में कारगर है. जब इस वायरस से संक्रमित मरीज को एंटीबायोटिक्स दिया जाता है, तो डॉक्टर की यह कोशिश होती है कि वायरस के साथ जो बैक्टीरिया बीमार कर रहे हैं, उन्हें मार दिया जाए.
यद्यपि यह कोरोनावायरस सतह पर कुछ घंटों या काफी दिनों तक भी रह सकता है (यह सतह पर भी निर्भर करता है). हालांकि इसकी संभावना बहुत ही कम है कि विभिन्न परिस्थितियों, यात्रा और एक जगह से दूसरे जगह सामान ले जाने के बावजूद यह सक्रिय रहेगा. लेकिन अगर आप यह सोचते है कि कोई भी जगह या सतह संक्रमित है, तो उसे तुरंत साफ करें.
अभी तक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बनी है.
बच्चों को बड़ो जितना ही कोरोना वायरस संक्रमित कर सकता है.
अभी तक इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.
यह टेक्नीक इस बात का पता लगाने में कारगर होती है कि किसी को फेंफड़ों को संक्रमण है या नहीं. इसका कोरोना से कोई लेना देना नहीं है.
इस तरह के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं कि हर 15 मिनट में पानी पीने से कोरोना से बचा जा सकता है.
नहीं ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि अखबार या प्लास्टिक पर वायरस ज़िंदा रह सकता है। इन चीज़ों के इस्तेमाल के बाद अपने हाथ धोने से संक्रमण से बचा जा सकता है। अखबार की प्रिंटिंग पूरी तरह मानव स्पर्श रहित तरीके से होती है।
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