Coronavirus: maharashtra makes covid 19 negative report mandatory for entry in state: देश भर में तेजी से बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के बाद अब राज्य एक बार फिर अपनी-अपनी गाइडलाइन जारी करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश ने आज अपनी कोरोना की नई गाइडलाइन जारी कर कहा कि यूपी में शादी समारोह में 100 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं दिल्ली में मास्क न पहनने में 2000 रुपये का जुर्माना लगेगा तो अब महाराष्ट्र ने भी इस बीच अपनी कोरोना की एक नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन के मुताबिक अब अगर महाराष्ट्र या मुंबई जा रहे हैं तो आपको पहले कोरोना टेस्ट करवाना होगा। अगर कोरोना टेस्ट में आपकी रिपोर्ट निगेटिव (Coronavirus: maharashtra makes covid 19 negative report mandatory for entry in state) आती है तो ही अब आप महाराष्ट्र में एंट्री ले पाएंगे। ये नियम बाहरी राज्यों से जा रहे हर शख्स पर लागू होगा। (Coronavirus: maharashtra makes covid 19 negative report mandatory for entry in state)
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महाराष्ट्र ने देश की राजधानी नई दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों को COVID-19 रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने कहा है कि कोरोना की महामारी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अब दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान और गोवा से आने वाले केवल उन यात्रियों को ही महाराष्ट्र में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी जिनके पास कोविड टेस्ट की निगेवि रिपोर्ट होगी। यह शर्त विमान और ट्रेन, दोनों के यात्रियों पर लागू होगी। फ्लाइट की स्थिति में यह रिपोर्ट लैंडिंग के 72 घंटे पहले की होना जरूरी होगी जबकि ट्रेन के लिए यह समयसीमा 96 घंटे तय की गई। (Coronavirus: maharashtra makes covid 19 negative report mandatory for entry in state)
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बता दें कि दिल्ली सहित कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमित केसों में हो रही बढ़ोत्तरी पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। कोविड -19 रोगियों के समुचित उपचार और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली में हालात बदतर हो गए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार ने क्या व्यवस्था की है, उस पर विस्तार से हलफनामा दाखिल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में तेजी से मौजूदा समय बढ़ रहे कोविड मामलों के प्रबंधन, मरीजों को सुविधा समेत अन्य व्यवस्थाओं पर स्टेटस रिपोर्ट दो दिन में मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सुन रहे हैं कि इस महीने में केसों में भारी बढोतरी हुई है। हम सभी राज्यों से एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं। यदि राज्य अच्छी तरह से तैयारी नहीं करते तो दिसंबर में इससे भी बदतर चीजें हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्टने स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, मरीज़ों के प्रबंधन और वर्तमान स्थिति पर चार राज्यों से रिपोर्ट मांगी है।
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