Corona vaccine Covid19 COVAXIN ‘water injection’ corona ka tika Bharat Biotech reply: देश में कोरोना वैक्सीन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है तो वहीं दूसरी ओर इस बीच विवाद भी बढ़ता दिख रहा है। पहले समाजवादी पार्टी सुप्रीमों और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान दिया कि वे ये कोरोना का टीका (कोरोना टीका भारत बायोटेक) नहीं लगाएंगे। वहीं इसके बाद सीरम अदार पूनावाला अप्रत्यक्ष रूप से इस कोवैक्सीन को पानी बताया था, जिसके बाद विवाद गहराता दिख रहा है। इस पूरे मामले के बाद वैक्सीन निर्माता भारत बायोटक कंपनी के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने पलटवार करते हुए कहा है कि कहा कि हम एक ग्लोबल कंपनी हैं और हमारे ऊपर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए कि हम क्लिनिकल अनुसंधान नहीं जानते। हमारी फर्म ने 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण किए हैं। (Corona vaccine Covid19 COVAXIN ‘water injection’ corona ka tika Bharat Biotech reply)
भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि हमारी कंपनी का सुरक्षित और प्रभावी टीके के उत्पादन करने का एक रिकार्ड रहा है। हम सभी आंकड़ों को लेकर पारदर्शी है। हम न केवल भारत में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं बल्कि हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। कई लोग सिर्फ भारतीय कंपनियों पर निशाना साधने के लिए अलग तरह से बातें कर रहे हैं। यह हमारे लिए सही नहीं है। (Corona vaccine Covid19 COVAXIN ‘water injection’ corona ka tika Bharat Biotech reply)
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उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि, भारत बायोटेक ने 16 टीके बनाए हैं। हम केवल एक भारतीय कंपनी नहीं बल्कि वास्तव में एक वैश्विक कंपनी हैं। लोगों को यह आरोप नहीं लगाना चाहिए कि हम क्लीनिकल अनुसंधान नहीं जानते। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला पर निशाना साधते हुए कहा कि, हम 200 फीसद ईमानदार क्लीनिकल ट्रायल करते हैं, इसके बावजूद निशाना बनाये जाते हैं। यदि मैं गलत हूं तो मुझे बतायें। कुछ कंपनियों ने मुझे पानी (कोरोना टीका भारत बायोटेक) की तरह बताया है। यह कहना गलत है कि भारत बायोटेक ने आंकडों को लेकर पारदर्शी नहीं है।
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बता दें कि इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के अलावे अन्य टीकों को ‘पानी’ की तरह बताया था। वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इस टीके पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, तीसरे चरण के परीक्षणों के बिना इसके टीके को मंजूरी देना चिंता का विषय है। यह समय से पहले है और खतरनाक साबित हो सकता है। इस पर भारत बायोटेक के चेयरमेन ने कहा, भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से किसी भी तरह से कमतर नहीं है।
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