छत्तसीगढ़ से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। विकास के दावों की पोल खोलती ये तस्वीर कहीं ओर की नहीं बल्की छत्तीसगढ़ के बस्तर की है। कई अमीर लोग भले ही तीन सितारा और पांच सितारा जैसे लग्जरी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हों लेकिन अब एक देश की एक बड़ी आबादी अब भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रही है।
अब छत्तीसगढ़ की इस गर्भवती महिला की खबर ले लो। स्वास्थ्य सुविधायओं और शासन प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोलती इस खबर के मुताबिक, मंगलवार को बस्तर के एक गांव में एक गर्भवती महिला को बांस पर लटका एंबुलेंस तक ले जाया गया।
करीब 3 किलोमीटर तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ऐसे ही गर्भवती महिला को लटकाकर सफर करते रहे। यह मामला कोंडागांव माकड़ी विकासखंड के मोहन बेडा गांव का है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, 102 महतारी एंबुलेंस गर्भवती को ले जाने पहुंची मगर करीब 3 किलोमीटर के रास्ते में एंबुलेंस को ले जा पाना मुमकिन नहीं था।
एंबुलेंस के ड्राइवर और नर्स ने अंदर पैदल ही जाने की सोची लेकिन स्ट्रेचर नहीं था इसलिए बांस रस्सी के सहारे एक कांवड़ नुमा सवारी तैयार की। महिला को अस्पताल ले जाना जरूरी था इसलिए इसी कांवड़नुमा चीज पर बैठाकर महिला को एंबुलेंस तक लेकर आए। सुरक्षित तरीके से उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां महिला ने बेटी को जन्म दिया।