कश्मीर के पत्रकारों के लिए पत्रकारिता जिंदगी और मौत का मामला है
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। पत्रकारिता वैसे भी खतरे का काम है, ऐसे में जम्मू और कश्मीर के पत्रकारों के लिए यह जिंदगी और मौत का मामला हैं। समय- समय पर, जम्मू और कश्मीर के पत्रकारों और पब्लिकेशन्स को प्रशासन द्वारा सवालों के घेरे में खड़े कर दिया जाता हैं। अब …
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