Ground Report | New Delhi
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर विधेयक (National Register of Citizens Bill) के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगहों पर ये विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप लेता दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा में मरने वालों की संख्या 6 से बढ़कर 11 हो गई है तो वहीं दिल्ली में दरियागंज में हुई हिंसा आगजनी में पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकी 3600 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
लेकिन इन सबसे इतर अब खबर आई है कि, लुंगी-टोपी पहनकर हिंसा, पथराव आगजनी कर रहे 7 लोगों में से करीब 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जबकी एक भागने में कामयाब रहा। पुलिस के मुताबिक, लुंगी-टोपी पहनकर पत्थरबाजी करने वाले ये लोग बीजेपी कार्यकर्ता हैं। मामला पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का है जहां शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन को हिंसात्मक रूप देने की कोशिश में लुंगी-टोपी पहनकर ट्रेन पर पत्थराव और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे 7 लोगों में से 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकी एक भागने में कामयाब रहा।
इस मामले में द लल्लन टॉप वेबसाइट ने द टेलीग्राफ के हवाले से लिखा है कि, द टेलीग्राफ की खबर बताती है कि मुर्शिदाबाद के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यहां के राधामाधाब्ताला गांव के लोगों ने 6 लोगों को ट्रेन पर पत्थर मारते हुए पकड़ा। ये 6 लोग सिआल्दाह-लालगोला लाइन पर मौजूद ट्रायल इंजन पर पत्थर फेंक रहे थे। पुलिस ने कहा कि इनमें से एक अभिषेक सरकार (21) एक लोकल भाजपा कार्यकर्ता है।
इस मामले में सबंधित पुलिस अधिकारी मुकेश ने द टेलीग्राफ को बताया कि, पकड़े जाने पर इन 6 लोगों ने बताया कि हम अपने यूट्यूब चैनल के लिए एक वीडियो शूट कर रहे थे, लेकिन इस बारे में जब उनके वीडियो चैनल के बारे में प्रूफ मांगा गया तो वे कोई प्रूफ नहीं दे पाए। वहीं गांव के लोगों ने मीडिया को बताया है कि पकड़ा गया शख्स अभिषेक कई मौकों पर भाजपा की रैली में देखा गया है।
वहीं इस मामले में स्थानीय भाजपा ईकाई के सूत्रों ने पुष्टि है कि अभिषेक सरकार भाजपा का सदस्य है, लेकिन जिला प्रमुख गौरी शंकर घोष ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि, वे ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं जानते हैं। बता दें कि, कुछ दिनों पहले झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान दुमका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वालों को कपड़ों से ही पहचाना जा सकता है।