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बुल्ली बाई एप बनाने वाले चार छात्रों का कच्चा चिट्ठा, ज़रुर पढ़िए

मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाईन नीलामी करने वाला बुल्ली बाई (Bulli Bai) जिन्होंने बनाया था वो अब गिरफ्तार हो चुके हैं।

By Pallav Jain
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bulli bai app conspirators

मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाईन नीलामी करने वाला बुल्ली बाई (Bulli Bai) जिन्होंने बनाया था वो अब गिरफ्तार हो चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि जिन 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनकी उम्र 18-22 साल के बीच हैं और वो अभी पढ़ ही रहे हैं। आखिर इन लोगों में इतनी नफरत कहां से पैदा हुई की इन्होंने ऐसा ऐप बनाने का फैसला कर लिया। आईये एक एक कर जानते हैं इन चारों अपराधियों के बारे में और समझते हैं कि इन्होंने यह कदम क्यों उठाया?

विशाल कुमार झा, उम्र 21 वर्ष

इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी विशाल की हुई। मुंबई पुलिस ने इसे बैंगलुरु से गिरफ्तार किया। यह बैंग्लौर के एक अच्छे कॉलेज से सिविल इंजीनीयरिंग की पढ़ाई कर रहा था। विशाल इंट्रोवर्ट किस्म का इंसान है, इसके ज़्यादा दोस्त नहीं है। भविष्य में वो आईईएस बनना चाहता था। विशाल दक्षिणपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखता है। पुलिस को इसके पास से कई ट्विटर अकाउंट मिले जिससे यह बुल्ली बाई एप पर डाली गई तस्वीरें शेयर करता था। विशाल एक मध्यम वर्गीय परिवार से आता है, उसके पिता ने उसकी पढ़ाई पर 10 लाख से ज्यादा खर्च किये। उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा इंटरनेट पर क्या कर रहा है।

मयंक रावत, उम्र 21 वर्ष

मयंक दिल्ली युनिवर्सिटी में साईंस का छात्र है। मुंबई पुलिस ने इसे उत्तराखंड के कोटद्वार से गिरफ्तार किया। पुलिस ने मयंक का फोन ट्रेस किया जिससे बुल्ली बाई ऐप से जुड़ी गंदी पोस्ट शेयर की जा रही थी। मयंक रावत एक ब्राईट स्टूडेंट रहा है और उसके पिता एक आर्मी ऑफिसर हैं जो जम्मू में पोस्टेड हैं।

श्वेता सिंह, उम्र 19 वर्ष

श्वेता सिंह को मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से गिरफ्तार किया। श्वेता ने अभी 12th पास की है और वो कॉलेज के एंट्रेंस एग्ज़ाम की तैयारी कर रही थी। श्वेता अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बहुत ही एक्सट्रीम कंटेंट पोस्ट करती थी। उसने कोविड में पिछले वर्ष अपने पिता को खो दिया। 3 भाई बहन वाले परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका था। 2011 श्वेता ने कैंसर के चलते अपनी मां को भी खो दिया था। इनका गुज़ारा कोविड में अनाथ हुए बच्चों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता जो 3000 प्रति माह होता है उससे चल रहा था। 10 हज़ार रुपए प्रति माह इन्हें सोलर मैन्युफैक्चरिंग युनिट से मिलता था, जहां इनके पिता काम करते थे।

नीरज बिश्नोई, उम्र 21 वर्ष

चौथा शख्स नीरज बिश्वोई इस बुल्ली बाई ऐप का मास्टरमाईंट बताया गया है। दिल्ली पुलिस ने असम के जोरहाट से इसे गिरफ्तार किया। नीरज भोपाल के वीआईटी कॉलेज से पढ़ाई कर रहा था। इसके परिवार वालों को इसके काले कारनामों के बारे में जानकारी नहीं थी। पिता ने बताया कि वह घंटों तक लैपटॉप से चिपका रहता था। पढ़ने वह एक ब्राईट स्टूडेंट था। असम में ग्रॉसरी शॉप चलाने वाले नीरज के पिता अपने बेटे की गिरफ्तारी और उस पर लगे इल्ज़ामों से स्तब्ध हैं।

जिन चार लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी हुई है उनकी उम्र बेहद कम है, लेकिन यह सोचने वाली बात है कि इन बच्चों के दिमाग में नफरत का ज़हर आया कहां से जो इस हद तक जाने को तैयार हो गए?

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