ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Boris Johnson 2 दिन के भारत दौरे पर आए और विवादों के घेरे में आ गए। दरअसल अपनी इस ट्रिप में वो गुजरात के वडोदरा में स्थित एक फैक्ट्री में गए जहां JCB (excavator ) का कंस्ट्रक्शन होता है। अब आप बलेंगे इसमें विवाद की क्या बात है। असल में Boris Johnson जब वहां गए तो JCB के ऊपर चढ़ गए और उनका यह फोटो भारत में वायरल हो गया। बोरिस का यह फोटो भारत के मुसलमानों के ज़ख्मों पर नमक की तरह था, जिनके घर दिल्ली के जहांगीरपुरी में सरकार ने बुलडोज़ कर दिये।
पिछले कुछ हफ्तों में भारत में पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की जिन राज्यों में सरकार है वहां दंगा करने वालों के घर कानून के खिलाफ जाकर सरकार ने गिरा दिये। न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक उड़ाते हुए मध्यप्रदेश के खरगोन और दिल्ली के जहांगीरपुरी में उन मुसलमानों के घरों पर बुल्डोज़र और JCB चलाई गई जिन पर प्रशासन को दंगा करने का शक था। इस कार्रवाई में कहा गया कि इन लोगों के घर अवैध थे। हालांकि इसमें केवल मुसलमानों के घरों पर कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। भारतीय कानून के मुताबिक ऐसी किसी कार्रवाई के पहले नोटिस देना होता है, फिर अवैध रुप से रह रहे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था भी करनी होती है। लेकिन सभी कानूनों को नज़रअंदाज़ करते हुए, यहां तक की सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर को भी नज़रअंदाज़ कर लोगों के घर गिराए गए।
Boris Johnson का JCB के साथ आया फोटो वायरल हो गया कि बोरिस भी जहांगीरपुरी जा रहे हैं दंगाईयों के घर गिराने। भाजपा समर्थिक पक्ष कानूनी प्रक्रिया को बायपास कर दंगा करने वाले लोगों के घरों पर बुल्डोज़र चलाने का पक्षधर है तो वहीं विपक्ष कहता है कि यह मुसलमानों के घरों पर नहीं सीधे संविधान पर बुल्डोज़र चलाया गया है। क्योंकि भारतीय संविधान धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। लेकिन मौजूदा सरकार केवल और केवल मुसलमानों को डराने धमकाने का काम कर रही है और पूरी न्याय व्यवस्था चुपचाप खड़े होकर तमाशा देख रही है।
बोरिस जॉनसन का भारतीय राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। वो तो केवल गलत समय में जेसीबी के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।
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