Bitcoin is the world’s most expensive currency, a coin costs 30 lakh rupees: दुनियाभर के तमाम देशों में अपनी-अपनी करेंसी है। कहीं डॉलर है, कहीं युआन तो कहीं पाउंड और भारत की मुद्रा रुपये है। अब तक आपको ये तो पता होगा कि रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत बहुत ज्यादा है करीब 70 से 80 रुपये के बीच लेकिन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी की कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। ये करेंसी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उपयोगी की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन है। (Bitcoin is the world’s most expensive currency, a coin costs 30 lakh rupees)
एक सिक्के की कीमत 30 लाख रुपये
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उपयोग होने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की ताजा कीमत भारतीय रुपयों के अनुसार 30 लाख रुपये है। यानी एक सिक्का 30 लाख रुपये के बराबर है। एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 30 लाख रुपये के करीब पहुंच गई है। दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज मार्केट बिनांस पर गुरुवार को बिटक्वाइन अब तक के अपने सबसे उच्चतम स्तर 40,404.26 डॉलर पर जा पहुंच गया। यानी भारतीय मुद्रा में एक बिटक्वाइन की कीमत 29,36,280 लाख रुपये। (Bitcoin is the world’s most expensive currency, a coin costs 30 lakh rupees)
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बीते कुछ दिनों में 20 हजार से 40 हजार डॉलर हुई कीमत
दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है ऐसे में हर निवेशक निवेशक दुनियाभर में बिटक्वाइन की ओर रुख कर रहे हैं। इसके चलते बिटक्वाइन की कीमत में तेजी से उछाल आ रहा है। बीते साल नवंबर में इसका भाव 18 हजार डॉलर के करीब था। लेकिन बीते कुछ दिनों में ही इसमें बेतहाशा उछाल देखने को मिला है। महज कुछ दिनों में ही बिटक्वॉइन 20,000 अमरीकी डॉलर 40,000 डॉलर के पार पहुंच चुका है।
वर्ष 2030 तक 1 बिटकॉइन की कीमत होगी 1 करोड़ रुपये
आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक साल में बिटक्वाइन की कीमत में 271 फीसदी का उछाल देखा गया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक बिटक्वाइन की कीमत एक करोड़ रुपये तक भी हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में इस समय करीब 50 से 60 लाख बिटक्वाइन उपयोगकर्ता हैं। आने वाले दिनों में बिटक्वाइन की कीमतों में और उछाल हो सकता है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक कंप्यूटर एल्गोरिथ्म आधारित एक मुद्रा है। इसका कोई मालिक नहीं है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में नहीं होती। रुपये, डॉलर, यूरो, पाउंड ऐसी तमाम मुद्राओं संचालन कोई देश और संस्था या सरकार करती है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी किसी के कंट्रोल में नहीं है। यह एक डिजिटल करेंसी है। इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत वर्ष 2008-09 में “बिटकॉइन” के रूप में हुई थी। इसे जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरूआती दिनों में इसका चलन बेहद कम था लेकिन आज इसकी लोकप्रियता और कीमत सातवें आसमान पर है।
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