बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बातों ही बातों में बीजेपी पर निशाना साधा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को मिली कम सीटों पर टिप्पणी करते हुए कहा नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में सबकुछ पांच महीने पहले तय होना चाहिए था। लेकिन, कोरोना के चलते समय कम हो गया। इतना कम समय था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है, कौन नहीं। शनिवार को जेडीयू की राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव प्रचार के समय शाम में जब पार्टी ऑफिस लौटकर आते थे तभी संदेह पैदा हो गया था।
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बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलने पर कहा कहा कि, साल 2019 में पार्टी का सदस्यता अभियान चलाया गया। बूथस्तर तक कमेटी बनाई गई। सभी से हम मिले और सबको ट्रेनिंग भी दी गई। लेकिन फरवरी में जब हमने नेताओं की बैठक की तो हमको शक हो गया था। हमने इतना काम किया, पार्टी के साथी जानते थे, लेकिन चीजें नीचे तक नहीं पहुंचीं। 11 मुस्लिम को टिकट दिया। इतनी महिलाओं को टिकट दिया, ऐसा तो किसी ने नहीं किया, लेकिन इसका इंपैक्ट नीचे नहीं गया।
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उन्होंने ने कहा कि हमलोग समाजवादी सोच के लोग हैं। गांधी, जेपी, लोहिया, अंबेडकर और कर्पूरी को मानने वाले लोग हैं। हमलोगों की राजनीति सेवा के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं। जनता की सेवा ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। हमें जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक समान काम करना है। उन्होंने सभी पराजित उम्मीदवारों से कहा कि चुनाव परिणाम को भूलकर पूरी मजबूती के साथ काम में लग जाइए।
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