Amrita Hospital : 24 अगस्त, बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) ने फरीदाबाद (faridabad) में एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल कहा जा रहा (Asia’s largest hospital ) अमृता अस्पताल (Amrita Hospital) का उद्घाटन किया। इस दौरान हरियाणा (Hariyana ) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अमृतानंदमयी मठ की प्रमुख मां अमृता समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद से ही देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है अमृता अस्पताल। इसे एशिया का सबसे बड़ा निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल माना जा रहा है।
Amrita Hospital का निर्माण किसने करवाया?
अमृता अस्पताल (Amrita Hospital ) का निर्माण माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से किया गया। इस अस्पताल उद्घाटन के समय पीएम मोदी ने माता अमृतानंदमयी देवी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया। दुनियाभर में इनको ‘अम्मा’ के नाम से जाना जाता है। माता अमृतानंदमयी के अनुयायी उन्हें अम्माची और मां के नाम से भी पुकारते हैं।
भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में उनके चाहने वाले मौजूद हैं। माता अमृतानंदमयी को उनके सामाजिक कार्य के लिय जाना जाता है। उनके मठ की ओर से स्कूल खुलवाना, अस्पताल बनवाना जैसे कार्यों के लिय जाना जाता है।
माता अमृतानंदमयी देवी द्वारा 1998 में कोचीन में एक अस्पताल बनाया गया था। यह दक्षिण एशिया के प्रमुख अस्पतालों में से एक है, जो 12 सुपर स्पेशियलिटी विभागों और 45 अन्य विभागों के साथ इलाज देता है। इसके साथ ही इस अमृता अस्पताल में अब तक 43.3 लाख से अधिक रोगियों का मुफ्त इलाज किया गया है।
अमृता अस्पताल में क्या है ख़ास बातें
अमृता अस्पताल को फरीदाबाद में दिल्ली-मथुरा हाइवे के पास सेक्टर 88 में बनाया गया है। इसके उद्घाटन के बाद इसे एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल बताया जा रहा है। इसका निर्माण 130 एकड़ ज़मीन पर किया गया है।
अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक से लैस इस अमृता अस्पताल का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था। जानकारी के मुताबिक इसके निर्माण पर अब तक 4,000 करोड़ रुपये ख़र्च होचुके हैं और इस पर आने वाले समय में 2,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे। इसकी कुल लागत 6,000 करोड़ रुपये है।
- अमृता अस्पताल को एशिया में यूं ही सबसे बड़ा नहीं कहा जा रहा। आइये आपको बताते हैं इस अस्पताल की कुछ ख़ूबियां। 64 फुल नेटवर्क वाले मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और 534 क्रिटिकल केयर बेड भी स्थापित होंगे।
- इस अस्पताल में एक्सिलेंस सेंटर्स में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, कार्डियक साइंस, न्यूरोसाइंस, गैस्ट्रो साइसं, गुर्दा विज्ञान, हड्डी रोग और ट्रॉमा, प्रत्यारोपण, और मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट शामिल होगी। ये सब यूनिट को अस्पताल के सात मंज़िलों पर बनाकर तैयार किया जाएगा।
- वर्तमान में 500 बेड्स के साथ शुरू किए गए इस अस्पताल में अस्पताल में कुल 2,600 बेड्स की क्षमता होगी। अस्पताल में 500 ICU बेड, 81 स्पेशेलिटीज और आठ सेंटर ऑफ एक्सिलेंस होंगे। अगले पांच सालों में चरणबद्ध तरीके से इसे पूरी तरह से संचालित किया जाएगा।
- 36 लाख वर्ग फुट में अमृता अस्पताल की इमारतें फैली होंगी। अमृता अस्पताल में एक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज, रोगियों के परिवार के लोगों के लिए 14 मंजिला टावर में 498 कमरों वाला गेस्टहाउस, एक पुनर्वास केंद्र, अधिकारियों और रोगियों के लिए अस्पताल की छत पर एक हेलीपैड, एक फोर स्टार होटल समेत और कई अन्य सुविधाओं दी जाएंगी।
- अमृता अस्पताल में कैंसर देखभाल और उपचार के ‘हब’ के रूप में कार्य करेगा और संगरूर के 100 बेड्स वाले अस्पताल से गंभीर मरीजों को यहां भेजा जाएगा। अमृता अस्पताल के परिसर में 300 बेड्स की क्षमता वाला एक कैंसर अस्पताल भी बनाया गया है।
- मरीजों को सर्जरी, रेडियोथेरेपी, चिकित्सा ऑन्कोलॉजी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो प्रत्यारोपण जैसी उपचार पद्धति का उपयोग करके सभी प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं मुहैया कराई जाएगी।
- अमृता अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए 300 बेड्स का अलग वार्ड बनाया जाएगा तथा उसके बाद प्रसव कार्य के लिए सबसे अधिक बेड्स होंगे। अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञों सहित कुल 700 डॉक्टर काम करेंगे तथा 12,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
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