चारों तरफ से आलोचनाओं के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का शिलान्यास कर दिया है। आलोचनाओं की मुख्य वजह है देश में कोरोना का प्रकोप, धवस्त स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ साथ देश की डगमगायी हुई अर्थव्यवस्था। वहीं दूसरी तरफ सरकार का इन असल मुद्दों से ध्यान हटाकर नई संसद का शिलान्यास करना सरकार की प्राथमिकताएं दर्शाता है। इसी बीच आज आल इंडिया परिसंघ(All India Parisangh) ने इस संसद भवन का नाम संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर पार्लियामेंट रखने की मांग की।
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आज आल इंडिया परिसंघ के कार्यकर्ताओं ने कार्यकर्म स्थल के बाहर जाकर इस मांग को पुरज़ोर से उठाया। इस मुहिम की अगुवाई करने वाले कांग्रेस नेता उदित राज ने की। उनका कहना है कि ये नया संसद भवन बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर के नाम पर होना चाहिए।
Why reservation is still necessary to uplift the depressed classes?
कांग्रेस नेता डॉ उदित राज ने ट्वीट कर कहा ‘आज जब प्रधान मंत्री जी नई संसद की इमारत का शिलान्यास कर रहे थे तो दूसरी तरफ़ परिसंघ(All India Parisangh) का प्रदर्शन संसद की ओर मार्च करते हुए जिसे पोलीस की भारी संख्या ने रास्ते में रोका । हमारी माँग है कि नई इमारत का नाम डॉ अम्बेडकर पार्लियामेंट हाउस रखा जाए।’
उधर प्रधानमंत्री मोदी ने शिलान्यास समारोह में दिए अपने भाषण में कुछ मुख्य बातें कहीं:
-पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय किस तरह से एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था। अशिक्षा, गरीबी, सामाजिक विविधता सहित कई तर्कों के साथ ये भविष्यवाणी कर दी गई थी कि भारत में लोकतंत्र असफल हो जाएगा।READ: Lockdown extended in India till May 3; Key points from PM Modi’s address…
-पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
-पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा।
-आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा।
-आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।
-हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने।
-नए संसद भवन का निर्माण 2022 तक पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि 2022 का शीतकालीन शर्त नए संसद भवन में ही होगा।
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